कोरबा के आदिवासी विकास विभाग में वर्ष 2021-22 के दौरान अनुच्छेद 275-1 के कार्यों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। 6 करोड़ 27 लाख 56 हजार रुपयों की लागत से जिले के कई छात्रावासो ओर आश्रमों का उन्नयन कार्य कराया गया है। इस कार्य को लेकर कुछ लोगों का कहना है कि यह सभी काम कोरबा की तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू के कार्यकाल में हुआ है लेकिन प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और रामपुर विधायक ननकी राम कंवर का कहना है कि कलेक्टर रानू साहू का तबादला 28 जुलाई 2022 को ही हो गया था और 29 जुलाई को वह कोरबा से रिलीव हो गई थी जबकि यह सारे काम 22 अगस्त 2022 से शुरू हुए हैं ऐसे में यह कहना गलत होगा कि कलेक्टर रानू साहू के समय यह सब काम हुए हैं।रानू साहू के जाने के बाद संजीव झा के कलेक्टर बनते ही उन्होंने आदिवासी विकास विभाग की तत्कालीन सहायक आयुक्त माया प्वारियर को आदिवासी बच्चों के हित में सभी काम करने के निर्देश दिए। जिनके द्वारा कई छात्रावासों का मरम्मत कार्य कराने के साथ ही उन्नयन भी करवाया गया। इतना ही नहीं कई आदिवासी परिवारों के लिए सौर ऊर्जा पर आधारित बोर भी खुदवाए गए जिससे कारण उन्हें काफी सहूलियत हो रही है। इस मामले में कहा जा रहा है कि विभागीय कार्यों का कैग द्वारा ऑडिट किया गया है लेकिन अब तक किसी तरह का ऑडिट नहीं होने की बात सामने आ रही है। कुल मिलाकर जो यह काम हुए हैं वह कोरबा के पूर्व कलेक्टर संजीव झा के कार्यकाल में हुए हैं और बेहतर हुए हैं ऐसे में इन कार्यों में भ्रम की स्थिति पैदा करना गलत होगा। इस संबंध में रामपुर विधायक ननकीराम कंवर का कहना है कि योजना के तहत पहाड़ी कोरवा आदिवासियों को काफी लाभान्वित किया गया है उनके विकास के लिए कई काम किया गया है जिसके कारण आज वह काफी खुशहाल भरी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं सौर ऊर्जा पर आधारित बिजली से चलने वाले उपकरणों की सौगात देने के कारण आज उन परिवारों के सामने बिजली बिल देने की कोई भी समस्या नहीं है विधायक ननकीराम कंवर ने यह भी कहा कि योजना के तहत उनके विधानसभा क्षेत्र में करीब डेढ़ दर्जन काम हुए हैं वह खुद मौके पर जाकर सभी कार्यों का निरीक्षण किया है और संतुष्टि भी जताई है।