उपन्यास माली का विमोचन हुआ सम्पन्न, प्रीबुकिंग में ही है बेस्टसेलर
कोरबा। जिले के शासकीय ईवीपीजी कॉलेज में पदस्थ हिंदी के सहायक प्राध्यापक डॉ. दिनेश श्रीवास द्वारा लिखित बहुचर्चित उपन्यास माली का विमोचन रायपुर में समपन्न हुआ। यह उपकन्यास प्रीबुकिंग में ही बेस्टसेलर बन चुकी है। रायपुर में पूरे भारत के साहित्यकारों की उपस्थिति में इसका विमोचन किया गया। नौकरशाहों के कथा-व्यथा पर लिखी गई यह किताब वर्तमान जीवन के अनेक समस्यों को पाठकों के समक्ष रखती है। विमोचन कर्ताओं में भावनगर वि.वि. के पूर्व कुलपति डॉ. वाघेला, गुजरात के प्रमुख नाट्यनिर्देशक एवं रंगकर्मी डॉ. नवनीत चौहान एवं डॉ. अनिल चौहान, कश्मीर विवि के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ आर डी कटारा, शा. पीजी महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. एस.सी गोयल, रायबरेली विवि के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. चम्पा श्रीवास्तव, पुणे विश्वविद्यालय के डॉ. भालेराव आदि प्रमुख हैं। विमोचन कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. अभिषेक पटेल ने उपन्यास के लेखक डॉ. दिनेश श्रीवास का साहित्यिक परिचय देते हुए कहा कि यद्यपि डॉ दिनेश श्रीवास का यह प्रथम उपन्यास है लेकिन कम उम्र में उन्होंने ऐसा उपन्यास लिख दिया है जो चर्चाओं में है। इस उपन्यास में उनकी आलोचना दृष्टि और काव्यात्मकता के साथ कथा शैली के दर्शन होंगें । विमोचन के मुख्य अभ्यागत पूर्व कुलपति डॉ वाघेला ने कहा कि इस उपन्यास में लेखक ने अपने अनुभूत सत्य को हमारे सामने रखा है। उपन्यास का समाज दर्शन हमारे समाज को दिशा निर्देश देता रहेगा। यह एक अध्यापक के अध्यापकीय अनुभवों का अमृत कल भी है जो वर्तमान जीवन की समस्याओं से जुझता दिखाई देता है। प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं नाट्य निर्देशक डॉ नवनीत चौहान ने कहा है कि मैं डॉ. दिनेश श्रीवास की चिंता से परिचित हुँ । उन्होंने इस उपन्यास में इन्हीं चिन्ताओं को प्रस्तुत किया है। लेखक की चिंता स्त्री और पुरुषों के संबंधों लेकर है। माली को लेकर है। माली कौन है, माली बहुत बड़ा शब्द है। माली जो समाज को दिशा देता है। माली कोई भी हो सकता है। प्रशासक, नेता, शिक्षक, कोई भी माली हो सकता है। डॉ. कटारा ने कहा कि उपन्यास में वर्तमान समय की सशक्त अभिव्यक्ति हुई है।