एसईसीएल ने ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ाए कदम, कुसमुंडा क्षेत्र में रूफ-टाप सौर परियोजनाएं शुरू
कोरबा। कोल इंडिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनियों में से एक एसईसीएल ने आने वाले वर्षों में 600 मेगावाट से अधिक क्षमता की रूफ-टाप, ग्राउंड माउंटेड ग्रिड कनेक्टेड सौर ऊर्जा परियोजनाएं व अन्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने की योजना बनाई है। इन परियोजनाओं को विकसित करने पर 1000 करोड़ से अधिक निवेश किया जाएगा। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में एसईसीएल क्षेत्र 180 मेगावाट से अधिक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं पहले से ही विभिन्न चरणों में स्थापित की जा रही हैं। इसमें जोहिला, जमुना-कोतमा और कुसमुंडा क्षेत्रों में 580 किलोवाट क्षमता की रूफ-टाप सौर परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। कुछ परियोजनाएं रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस कंपनी (रेस्को), बिल्ड-ओन-आपरेट (बीओओ) मोड में कार्यांवित की जाएंगी। व्यवसाय का विस्तार और विविधता लाने और नेट जीरो एनर्जी लक्ष्य हासिल करने की कंपनी की रणनीति का हिस्सा है। यह रणनीति 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन की उपलब्धि हासिल करने के लिए सीओपी-26 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित पंचामृत के लक्ष्य के अंतर्गत है। जोहिला क्षेत्र में कमीशन की गई पारियोजना की क्षमता लगभग 280 किलोवाट पीक है, जो पूरी कंपनी में सबसे अधिक क्षमता वाली रूफ-टाप सौर परियोजना है। परियोजना के अंतर्गत प्रशासनिक भवन महाप्रबंधक कार्यालय, एसईसीएल संचालित केंद्रीय विद्यालय, क्षेत्रीय अस्पताल और क्षेत्र के गेस्ट हाउस में सोलर पैनल लगाए गए हैं। यह परियोजना पूरे वर्ष में लगभग 4,20,000 यूनिट बिजली पैदा करेगी, जिससे सालाना बिजली व्यय में लगभग 21 लाख रुपये की बचत होगी। इन परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली के साथ, कंपनी कोयला खनन और संबद्ध गतिविधियों से संबंधित अपनी बिजली जरूरतों को संतुलित करने का प्रयास कर रही है। कार्यान्वयन के तहत सबसे बड़ी दो सौर परियोजनाएं 40 मेगावाट क्षमता की हैं। राज्य के आदिवासी बहुल सरगुजा क्षेत्र के अंतर्गत सूरजपुर जिले में स्थित भटगांव और बिश्रामपुर क्षेत्र में कंपनी द्वारा खुद की अपनी जमीन पर 40 मेगावाट का ग्राउंड माउंटेड, ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी प्लांट विकसित किया जा रहा है। परियोजना कार्यान्वयन चरण में है और इस वित्तीय वर्ष में चालू होने की उम्मीद है। प्रबंधन मध्य प्रदेश के जोहिला क्षेत्र में एक और 40 मेगावाट ग्राउंड माउंटेड सौर पीवी संयंत्र की स्थापना के लिए एक परियोजना रिपोर्ट पर भी काम कर रहा है।
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रूफ टाप परियोजना के लिए निविदा जारी
एसईसीएल ने चार मेगावाट की रूफ-टाप सौर परियोजना के लिए एक निविदा भी जारी की है जो सभी क्षेत्रों को कवर करेगी। जबकि मध्य प्रदेश के सोहागपुर क्षेत्र में शारदा ओसी खदान में एक फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की संभावना भी तलाशी जा रही है।
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कार्बन फुटप्रिंट कम करने तीन हजार मेगावाट का लक्ष्य
कोल इंडिया ने वर्ष 2026 तक 3000 मेगावाट क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करके नेट-जीरो का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। यह कंपनी के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने एवं सतत विकास को बढ़ावा देने की एक व्यापक योजना का हिस्सा है। हाल ही में कोल इंडिया ने अपनी परित्यक्त खदानों के भीतर पंप स्टोरेज पावर (पीएसपी) परियोजनाओं के लिए संभावित स्थलों का पता लगाने के लिए सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) के साथ मिलकर काम किया है।