कोल इंडिया के मुनाफा में 10 फीसदी की कटौती, खर्चों में बढ़ोतरी का एक कारण 11वां वेतन समझौता
कोरबा। कोल इंडिया लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के नतीजों का ऐलान कर दिया है। अप्रेल- जून तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 10 फीसदी घटकर 7,941.4 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 8,834.22 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। हालांकि, जून तिमाही में कंपनी का मुनाफा एक्सपर्ट्स के अनुमान से बेहतर रहा। कोल इंडिया ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि परिचालन से राजस्व 35,943.21 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की तिमाही के 35,092.17 करोड़ रुपये से 25 फीसदी अधिक है। कंपनी की कुल आय पहली तिमाही 2023-24 में 3.9 फीसदी बढक़र 37,521.03 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 36,086.68 करोड़ रुपये थी। पहली तिमाही में कोल इंडिया का कुल खर्च 11.5 फीसदी बढक़र 26,745.68 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 23,985.31 करोड़ रुपये था।खर्चों में बढ़ोतरी का एक कारण कोल इंडिया का अपने नॉन-एक्जीक्यूटिव स्टॉफ का वेतन बढ़ाने का निर्णय है। 8 अगस्त को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया है 01.07.2021 से प्रभावी नॉन-एक्जीक्यूटिव के वेतन और वेतन समझौते को जून 2023 में लागू किया गया है और जून 2023 के बाद के वेतन का भुगतान संशोधित दर पर किया जा रहा है।कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान कच्चे कोयले का प्रोडक्शन 175.476 मिलियन टन रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में 159.753 मिलियन टन था। कच्चे कोयले का उठाव 186.950 मिलियन टन रहा, जबकि एक साल पहले की तिमाही में यह 177.490 मिलियन टन था।