खनिज माफिया सक्रिय, कर रहे रेत की चोरी
कोरबा।वर्षा में रेत की आवश्यकता और बढ़ी कीमत में मांग को देखते हुए अवैध भंडारण और आपूर्ति का काम तेजी से चल रहा है। बारिश जारी होने के कारण खनिज ने 15 जून से रेत की खुदाई और परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद भी घाटों से गीले रेत को निकालने का क्रम जारी है। रेत को निकाल सडक़ों में डंप कर दिया है। यह धड़ल्ले से जारी रहता है। रात के समय नदी में जाकर रेत निकालने मे असुविधा होती है जबकि सडक़ किनारे डंप किए रेत को परिवहन करने में आसानी होती है। पूरे मामले मे गौर किया जाए तो खनिज माफिया संगठित होकर तरह के कार्य को अंजाम दे रहे हैं। वर्षा शुरू होने के बाद रेत की मनमानी कीमत मिलने से ठेकेदारों की सक्रियता बढ़ गई है। शहर से लगे हसदेव नदी के अलावा नालों के अघोषित घाटों में गीले रेत का उत्खनन हो रहा है। खनिज विभाग की ओर महज प्रकरण दर्ज करने की औपचारिकता की जा रही है। दिन में नदी से रेत निकाल कर कोरबा- चांपा मार्ग किनारे डंप कर दिया जाता है और रात में परिवहन किया जाता है। अघोषित घाट संचालन और खनिज विभाग की निष्क्रियता से तटों में मिट्टी कटाव हो रहा है। अधिक वर्षा की स्थिति में नदी तट से लगे बस्तियों में पानी भरने की आशंका बनी है।बेतरतीब तरीके से अघोषित घाटों से मिट्टी का कटाव होने से जल प्रवाह का विस्तार बढऩे लगा है। माह के शुरूआत में तीन दिन की झड़ी दर्री बांध के गेट को खोलना पड़ा इस दौरान नदी तट के निचली बस्तियों में पानी भर गया था। रेत की चोरी वर्तमान में गाढ़ी कमाई का जरिया बन चुका है। निर्माण कार्य से लगे ठेकेदारों के अलावा फ्लाईएश कारोबार से जुड़े लोगों के लिए भी आवश्यकता होने से अवैध भंडारण को प्रश्रय मिल रहा है। बताना होगा कि हसदेव के नदी घाटों में रेत तस्करों ने कई जगहों में ट्रैक्टर के आने जाने के लिए रास्ता बना लिया है। वाहन मालिक भी ट्रैक्टर चालक व रेत ढुलाई करने वाले मजदूरों को अधिक मजदूरी की सब्जबाग दिखाकर काम करा रहे हैं। ऐसे में कभी भी बड़ी दुर्घटना की संभावना बनी है।