Wednesday, February 12, 2025

खेती के लिए हुई भरपूर वर्षा, प्रथम चरण की खेती पूरी, किसान दलहन व तिलहन फसल की बोआई में जुटे

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खेती के लिए हुई भरपूर वर्षा, प्रथम चरण की खेती पूरी, किसान दलहन व तिलहन फसल की बोआई में जुटे

कोरबा। अनुकूल वर्षा से कृषि कार्य में उत्तरोत्तर प्रगति देखी जा रही है। खेत के काम में लगातार प्रगति देखी जा रही है। किसानों अब मैदानी खेतों में मूंगफली, मक्का, उड़द व मूंग की बोआई शुरू कर दी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जारी मानसून खरीफ फसल के लिए बेहतर होगी। बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष जिले भर में एक जून से अब तक 6,167.4 मिमी वर्षा हो चुकी है। खेती के लिए आवश्यक वर्षा से यह 10 प्रतिशत अधिक है। सामान्य वर्षा व रोपा-बीयासी के साथ जिले भर में प्रथम चरण की खेती पूरी हो गई है। धान की खेती के साथ किसान दलहन व तिलहन फसल की बोआई में जुट गए हैं। जिन किसानों ने पहले से सूखा बुआई कर ली थी उनके लिए थम-थम कर हो रही वर्षा सहयोगी साबित हुआ है। थरहा की तैयारी के लिए बुआई देर से ही सही पर उपयुक्त साबित हुआ है। पानी ठहराव वाले खेतों में थरहा लगाने के बाद अब किसान जल संरक्षण की तैयारी में लगे हैं। बीयासी का काम भी लगभग पूरा हो चुका है।जारी मानसून में ब्लाकवार बारिश का आकलन किया जाय तो औसतन सभी ब्लाक में वर्षा में समानता है। इसके पहले वर्षों में खंड बारिश से अलग- अलग स्थानों में खेती में विपरीत असर देखा गया था। एक जून से अब तक वर्षा का आकलन किया जाए तो सबसे अधिक वर्षा कटघोरा विकासखंड में 818.6 मिमी हुई है। इसके विपरीत सबसे कम 547.6 मिमी वर्षा हरदीबाजार में दर्ज किया गया है। बताना होगा कि जिले में सिंचित रकबा 48 प्रतिशत होने के कारण धान फसल की कटाई के बाद अधिकांश खेत में किसान फसल नहीं ले पाते। मानसून आधारित खेती से किसानों को मुक्ति नहीं मिली है। सिंचाई रकबा में वृद्धि किए जाने की आवश्यकता है। बहरहाल खरीफ में प्रथम चरण की खेती तो हो चुकी है लेकिन समय पर बीज अनुपलब्धता के बाद अब खाद की समस्या सामने आने लगी है। गोदाम में खाद की आवक देरी से होने के बाद सहकारी उचित मूल्य के दुकानों में आवंटन नहीं हुआ है। बोडानारा, देवपहरी, कछार, सतरेंगा, कोरियाघाट जैसे मार्ग की दशा अवरूद्ध होने से किसानों को बिचौलियों से खाद की खरीदी करनी पड़ रही है। बीज का अपेक्षित भंडारण नहीं होने से दलहन व तिलहन की बुआई पर विपरीत असर देखा जा रहा है। अरहर व उड़द की बुआई के लिए क्षेत्राच्छादन लक्ष्य 3600 हेक्टेयर किया गया है जो पिछले वर्ष की अपेक्षा 100 हेक्टेयर अधिक है। बुआई के लिहाज से सहकारी संस्थाओं में दोनों फसलों के लिए मात्र 25 क्विंटल बीज का भंडारण किया गया है।
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सब्जी की खेती में जुटे किसान
बेहतर वर्षा के साथ जहां खेतों रोपा बियासी का काम पूरा हुआ है। वहीं अब किसान अपने बाड़ी में सब्जी फसल के पर्याप्त समय दे पा रहे हैं। बाडिय़ों करेला, तरोई, बैगन, खीरा खास तौर पर टमाटर फसल तैयार होने लगे है। पखवाड़े भर पहले 150 रूपये किला बिक रहे टमाटर के दाम में नरमी आई है। प्रति किलो 40 से 50 रूपये दाम होने से गृहणियां राहत क सांस ले रही हैं। माना जा रहा है सप्ताह भर बाद अन्य सब्जी जैसे बरबट्टी, तरोई, कद्दू के तैयार से होने कीमत में और भी अधिक नरमी आएगी।

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