जिस जमीन की मुआवजा राशि मिली उसी जमीन में पुन: मकान बनाकर करा रहे नापी, उप संरपच ने उच्चअधिकारियों से की शिकायत
कोरबा। एसईसीएल गेवरा प्रभावित ग्राम रलिया में एसईसीएल गेवरा क्षेत्र के द्वारा अधिग्रहित जमीन का ग्राम पंचायत रलिया सरपंच द्वारा मुआवजा भुगतान प्राप्त करने के बाद भी उसी राशि से उसी जमीन पर मकान बनाकर नापी व सर्वे कराया जा रहा है। जिसकी शिकायत ग्राम पंचायत रलिया के उपसरपंच अमर सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री, जिलाधीश कोरबा, सीएमडी एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर, एसडीएम कटघोरा, तहसीलदार सहित उच्च अधिकारियों से की है। उपसरपंच अमर सिंह चौहान ने बताया कि ग्राम रलिया के जमीन को एसईसीएल गेवरा प्रबन्धन द्वारा आंशिक अधिग्रहण किया गया है, ग्रामवासी ग्राम रलिया के जमीन को संपूर्ण की मांग कर रहे हैं, एसईसीएल प्रबन्धन रलिया की संपूर्ण जमीन को अधिग्रहण का प्रस्ताव बना हेडक्वार्टर भेज देने की बात कही गई थी । प्राप्त जानकारी व शिकायत ज्ञापन के अनुसार ग्राम रलिया की भूमि का आंशिक अधिग्रहण किया जा चुका है जिसका जमीन का मुआवजा व नौकरी दिया जा रहा है। ततपश्चात मकान का सर्वे व नापी का कार्य वर्तमान में चल रहा है । जिसमें ग्राम पंचायत रलिया के संरपच बेबी कुमारी तंवर के द्वारा जमीन का मुआवजा प्राप्त करने के बाद उसी पैसे से उसी जमीन में मकान बनाकर प्रथम सर्वे व नापी स्वयं करवाया है , जिसमें एसईसीएल गेवरा क्षेत्र के अधिकारियों की जानकारी होने के बावजूद भी मिलीभगत सांठगांठ कर सर्वे व नापी का मुआवजा भुगतान करने के फिराक में है । जिस पर उपसरपंच अमर सिंह ने उक्त जमीन का गहन जांच करवा कर ऐसे मकानों का मुआवजा भुगतान में रोक लगाने की मांग की है। वे दोषियों पर कार्यवाही की भी मांग कर रहे हैं। उपसरपंच ने बताया कि सरपंच ग्राम पंचायत रलिया के द्वारा मुआवजा प्राप्त भूमि से बने मकान का सर्वे व नापी प्रथम करवा कर ग्राम रलिया के आम जनता को भयभीत कर नापी व सर्वे करवा रही है और नया पुराना मकान लिखवाकर क्षति पहुंचाने में लगी हुई है । अमर सिंह ने बताया कि ग्राम रलिया में एसईसीएल प्रबन्धन और गांव वालों के बीच हुई बैठ में एसईसीएल गेवरा के अधिकारियों ने गांव वालो को गूगल मैप भी दिखाये थे, जिसमे सरपंच बेबी कुमारी तंवर के अधिग्रहीत जमीन में कोई मकान नही बना था, लेकिन अब उस जमीन का मुआवजा भुगतान प्राप्त कर ली गई है और उसी जमीन में मकान बना कर उसे पहले नापी भी करवा ली गई है । एक ओर एसईसीएल प्रबन्धन भोले भाले ग्रामीणों के मकान को जीपीआरएस से नाप कर उसे नॉन रेसिडेंशियल या न्यू बिल्डिंग कंट्रेक्शन लिख दिया जाता है या उसके मकान को नापी ही नही करते। इस संबंध में सरपंच का पक्ष जानने उनके मोबाइल पर सम्पर्क किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।