ठंड बढ़ते ही पिकनिक स्पॉटों में छाई रौनक, लापरवाही पड़ सकती भारी, पहले भी हो चुकी है कई घटनाएं, सतर्कता है जरूरी
कोरबा। ठंड बढ़ते ही जिले के पिकनिक स्पॉट गुलजार हो गए हैं। जहां बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। ऐसे में पिकनिक स्पॉटों में लापरवाही भारी पड़ सकती है। कई बार मस्ती-मजाक आदमी के लिए जानलेवा भी हो सकती है। कोरबा के कुछ पिकनिक स्पॉट की भी यही स्थिति है। यहां पर जरा सी लापरवाही के कारण लोगों की जान जा सकती है। पिकनिक स्पॉटों में सावधानी जरूरी है। पानी में उतरने से पहले ही गहराई का पता कर लेना चाहिए। ऐसी जगहों पर जबरदस्ती करके जोश-जोश में कोई भी चैलेंज नहीं लगाना चाहिए। खतरे को देखते हुए दिन के उजाले में ही ऐसी जगहों पर जाना चाहिए। सैर-सपाटे के इस मौसम में हल्की ठण्ड, चटक धूप के साथ मनोरम दृश्य हमें मजबूर करते हैं कि हम भी मस्ती और मनोरंजन के लिए परिवार तथा दोस्तों के साथ इन जगहों पर जाएं। मस्ती और मनोरंजन की यह ख्वाहिश यादगार लम्हों में तब कैद होती है, जब तक हम ऐसे स्थानों पर सुरक्षित जाएं और सुरक्षित लौट आएं। जरा सी असावधानी और लापरवाही हमें कभी न भूल पाने वाली वह गम दे जाती है, जो किसी के मस्ती और मनोरंजन के समय बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। कुछ ऐसा ही हादसा जिले के इस देवपहरी जलप्रपात, परसखोला और बालको के फुटहामुड़ा पिकनिक स्पॉट पर बीते माह सिलसिलेवार घटित हुए। अनहोनी या हादसे की परवाह किए बगैर पानी में उतरकर नहाने लगे। लापरवाही के कारण मनोरंजन मौत के रूप में साबित हुआ। देवपहरी का पिकनिक स्पॉट वाटरफाल की वजह से सभी को आने के लिए मजबूर करती है। यहां मौजूद भारी भरकम चट्टानों में चमक के साथ तेज फिसलन भी है। यहां काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। बालको क्षेत्र के परसखोला, फुटहामुड़ा के जलप्रपात और पिकनिक स्पॉट में उतरकर चट्टानों में जाने और फंसकर फिसल जाने का खतरा है। जगह-जगह मौजूद चट्टानें आपको कभी भी हादसों का शिकार बना सकती है, इसलिए कोशिश करना चाहिए कि आपके बच्चे ऐसी जगहों में न जाएं। ऐसी जगहों पर कुछ सुरक्षा के इंतजाम और सतर्कता खतरे को टालने में बहुत हद तक मददगार बन सकते हैं।