त्रुटिपूर्ण मुआवजा की विसंगति ने बढ़ाई टेंशन
कोरबा। कोरबा-चांपा नेशनल हाईवे के लिए कुछ इलाकों में अर्जित लोगों की जमीन को लेकर सर्वे गलत तरीके से किया गया। शिकायत करने पर भी प्रशासन ने रूचि नहीं ली। त्रुटिपूर्ण मुआवजा ने प्रभावितों को टेंशन में डाल दिया है।
जनता दल यूनाइटेड के जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण महतो ने एसडीएम को लिखे पत्र में उक्त शिकायत की है। महतो ने कहा है कि कोरबा-चांपा फोरलेन हेतु ग्राम बरपाली में जमीन अधिग्रहित की गई है। अधिग्रहित भूमि खसरा नंबर 696/1 पर उनके अलावा लगभग 10 परिवार अलग-अलग मकान बनाकर रहते हैं। एक बार भूमि को अर्जित करने हेतु नोटिस दिया गया जिसमें गलत मुआवजा बनाया गया था। किसी का नाम छोड़ दिया गया किसी का दुकान बनाया गया मगर मकान को छोड़ दिया गया। किसी का दुकान का मुआवजा किसी और के नाम से चढ़ा दिया गया जिसे सुधार करने बाबत् प्रभावितों ने आपत्ति लगाने के साथ ही आवेदन किया है लेकिन आज तक इसका निराकरण कर सुधार की सूचना प्रभावितों को नहीं दी गई है। अवार्ड पत्र भी अभी तक अलग-अलग नहीं दिया गया है जिसके कारण मुआवजा भुगतान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने पीडब्ल्यूडी के दोबारा सर्वे का नकल मांगा था जिसमें वैल्यूवेशन सीट दिया गया, मगर अवार्ड की कापी नहीं दी गई। क्योंकि वैल्यूवेशन सीट में उनका तथा कईयों का मुआवजा जो छूट गया था वह जोड़ा गया है। एक-दो लोगों का मुआवजा कम हुआ है लेकिन वैल्यूवेशन सीट के आधार पर मुआवजा नहीं प्रदान किया जाता है। मांग है कि सभी 10 प्रभावितों को तत्काल मुआवजा हेतु पत्र दिया जाए जिससे मुआवजा भुगतान हो सके। मकान एवं दुकान के मुआवजा में जमीन खातेदारों का सहमति आवश्यक नहीं हो सकता क्योंकि यह लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी की सर्वे एवं नापी तथा पंचनामा रिपोर्ट के आधार पर वैल्यूवेशन किया गया है। यदि जमीन का मुआवजा दिया जाता है तो खातेदारों का सहमति लिया जाना उचित प्रतीत होता है। किंतु मकान एवं दुकान में उचित प्रतीत नहीं होता। मुआवजा भुगतान को मकान एवं दुकान बनाने वाले कब्जेदारों के हित में सरल किया जाए।