Thursday, March 20, 2025

दिसंबर में महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार की रहेगी भरमार, धार्मिक आस्था के लिए खास होगा साल का अंतिम महीना

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दिसंबर में महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार की रहेगी भरमार, धार्मिक आस्था के लिए खास होगा साल का अंतिम महीना

कोरबा। साल 2024 का अंतिम माह यानी दिसंबर में कई बड़े और महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं। दिसंबर माह में हिंदुओं के व्रत त्योहार तो पड़ ही रहे हैं इसके अलावा क्रिश्चन का बड़ा त्योहार क्रिसमस भी इसी महीने में पड़ रहा है। इस माह विवाह पंचमी, गीता जयंती के साथ ही मोक्षदा और सफला एकादशी भी पड़ रही है। इसके अलावा हनुमान जयंती और अन्नपूर्णा, त्रिपुर भैरवी जयंती, धनु संक्रांति, मार्गशीर्ष पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार पड़ रहे हैं,1दिसंबर को प्रतिपदा तिथि है इस दिन मार्गशीर्ष अमावस्या है। मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को विशेष रूप से शांति और पाप नाशक व्रत माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से पितरों की पूजा और तर्पण किया जाता है। विशेषकर इस दिन, श्रद्धालु अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा करते हैं। 6 दिसंबर को विवाह पंचमी श्रीराम और माता सीता के विवाह के अवसर पर मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से राम भक्तों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दिन विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और महोत्सव आयोजित होते हैं। इस दिन विशेष रूप से विवाह योग्य युवक-युवतियां विवाह जीवन में बंधने के लिए उत्?साहित रहते हैं।7 दिसंबर को चम्पा षष्ठी का व्रत विशेष रूप से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में मनाया जाएगा। इस पर्व पर विशेष रूप से मां दुर्गा और भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन, महिलाएं अपने घर की सुख-समृद्धि और परिवार की सुरक्षा के लिए विशेष पूजा करती हैं। चम्पा षष्ठी का व्रत एक प्रकार से सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।11 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी का व्रत है। यह विशेष रूप से पाप नाशक होता है। इस दिन विशेष रूप से श्रीराम के प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है। गीता जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है, जब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवद गीता का उपदेश दिया था। इस दिन व्रत रहते हैं और भगवान के मंत्रों का जाप करते हैं।14 दिसंबर दत्तात्रेय जयंती है। इस दिन पूर्णिमा होने के कारण, इसे विशेष रूप से चंद्र पूजा के रूप में मनाया जाता है। चंद्र ग्रह की शांति के लिए इस दिन पूजा या उपाय किए जाते है। इस दिन चंद्रमा के दर्शन और चंद्रमा की पूजा करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।15 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती मां अन्नपूर्णा के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से अन्न का पूजन और ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है, ताकि घर में समृद्धि और अन्न की कोई कमी न हो।

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