Thursday, February 13, 2025

निजीकरण और बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन का निर्णय, भारतीय विद्युत मज़दूर महासंघ की कार्यसमिति की बैठक में प्रस्ताव पारित

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निजीकरण और बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन का निर्णय, भारतीय विद्युत मज़दूर महासंघ की कार्यसमिति की बैठक में प्रस्ताव पारित

कोरबा। भारतीय मज़दूर संघ से संबंध अखिल भारतीय विद्युत मज़दूर महासंघ के दो दिवसीय विस्तारित कार्यसमिति की बैठक केरल के एर्नाकुलम के संगठन कार्यालय में आयोजित की गई। कार्यसमिति बैठक में भी वर्तमान विद्युत की व्यवस्था से संबंधित अनेक विषयों पर गंभीर चर्चा हुई, जिसमें सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि विद्युत सुधार अधिनियम 2003 एवं विद्युत सुधार अधिनियम 2022 मज़दूर क्षेत्र के लिए बड़ी समस्या लेकर आयी है। जिसके कारण देश में बेरोज़गारी एवं वितरण, पारेषण एवं उत्पादन कंपनियों में लगातार ठेका मज़दूरों की संख्या बढ़ी है । ठेका मज़दूरों को भी समान काम का सामान वेतन दिलवाने का भी निर्णय लिया गया। केंद्र सरकार से विद्युत की वर्तमान स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की माँग को लेकर सितंबर से अक्टूबर तक एक बड़ा आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है। सभी प्रदेशों में इलेक्ट्रिसिटी कि वर्तमान व्यवस्था पर व्यापक चर्चा हुई, जिसमें छत्तीसगढ़ की बिजली व्यवस्था को लेकर विद्युत प्रभारी राधेश्याम जायसवाल ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में बिजली की वर्तमान व्यवस्था कर्मचारियों की दृष्टि से बहुत ज़्यादा चरमरा गई है। जिसके कारण छत्तीसगढ़ के तीनों कंपनियां अपने आप ही निजीकरण में चली गई है। क्योंकि उत्पादन कंपनी में प्रबंधन ने 80 पर्सेंट तक के क्षेत्र को संचालन एवं संधारण के लिए निजी हाथों में दे दिया है। उसी प्रकार से पारेषण कम्पनी को भी भूपेश सरकार ने हंड्रेड परसेंट निजी क्षेत्र में दे दिया है। आने वाले समय में वितरण कंपनी ने भी स्मार्ट मीटर के माध्यम से कर्मचारियों की छँटनी करने का मन बना लिया है। वर्तमान में भी वितरण कंपनी के अधिकांश कार्य निजी क्षेत्र को दिया जा चुका है। इसलिए भारतीय मज़दूर संघ ने छत्तीसगढ़ की बिजली व्यवस्था एवं निजीकरण के विरोध में तथा केंद्र सरकार से विद्युत सुधार अधिनियम 2003 एवं बिंदु सुधार अधिनियम 2022 को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की माँग को लेकर आंदोलन की रणनीति का प्रस्ताव पारित किया गया है। आने वाले समय में भारतीय मज़दूर संघ पूरे देश में निजीकरण के विरोध में तथा छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों को रोज़गार दिलाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के विरोध में भी व्यापक आंदोलन करने का निर्णय लिया है। बैठक में छत्तीसगढ़ से राधेश्याम जायसवाल के अलावा अनेक पदाधिकारियों ने भाग लिया। आंदोलन को सफल बनाने के निर्णय के संकल्प के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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