निर्धारित मापदंडों का पालन किए बगैर दौड़ रहे एंबुलेंस,स्वास्थ्य व परिवहन विभाग नहीं है गंभीर
कोरबा। जिले में मरीजों की सुविधा के लिए संचालित आधिकांश निजी एम्बुलेंस में निर्धारित माप दंड के अनुसार सुविधाएं नहीं हैं। मगर जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं है। इनमें से कई एंबुलेंस में जरूरी उपकरण, रिफ्लेक्टर, सीज पुायर व अन्य खामियां बनी हुई है। ऐसे में परिवहन विभाग द्वारा भी कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। निर्धारित मापदंड की अनदेखी करते हुए आधिकांश एंबुलेंस फर्राटे भर रहे हैं।
जिले में बड़ी संख्या में मुनाफा कमाने लोग नियमों को ताक पर रखकर निजी वाहनों में एम्बुलेंस लिखकर जमकर इसका लाभ उठा रहे हैं। जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निजी एम्बुलेंस संचालकों की मनमानी के चलते आपातकाल की स्थिति में जूझ रहे मरीज व उनके स्वजन को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बाहर से सिर्फ एम्बुलेंस लिख कर ही दिखावा कर रहे हैं। अगर एम्बुलेंस की हालत देखी जाए तो काफी दयनीय हैं। अधिकांश एम्बुलेंस में पंखे तक नहीं है, जिसके चलते मरीजों को उमस भरी गर्मी के बीच लाया ले जाया जाता है। वहीं अधिकांश मेंआक्सीजन और डायग्नोस्टिक इक्वीपमेंट व पुस्टएड बाक्स भी उपलब्ध नहीं है। स्थिति तो यह भी है कि बिना लाइसेंस के चालक भी इसे चलाते हैं। वर्तमान में जिले में 50 से ज्यादा एंबुलेंस संचालित हैं मगर इनमें से कई एंबुलेंस वाहन जर्जर हैं और कईयों में निर्धारित सुविधा की कमी है।मगर इसकी जांच नहीं होने से इसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है।
बॉक्स
एआईएस-125 के तहत मापदण्ड आवश्यक
एंबुलेंस के रूप में चलने वाली गाड़ियों में एआइएस-125 का अनुपालन अनिवार्य है। साथ ही मानक अनुसार शासन स्तर की निर्धारित सुविधाएं होनी चाहिए। परिवहन विभाग को इसे लेकर शिकायतें भी समय -समय पर मिलती है मगर एंबुलेंस की जांच कभी कभार होती है।
बॉक्स
टैक्स में मिलती है विशेष छूट
जानकारी के अनुसार एंबुलेंस के रूप में वाहन का उपयोग करने पर पंजीयन आसानी से होता है। इसके अलावा परिवहन विभाग की ओर से टैक्स में भी छूट दी जाती है। इसमें प्रत्येक सीट के हिसाब से हर तीन महीने में लिया जाने वाला टैक्स कम पड़ता है।