बढ़ता जा रहा ईडी की जांच का दायरा
कोरबा। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने कटघोरा रजिस्टार कार्यालय में दबिश दी। थी। कटघोरा में घंटों पड़ताल हुई है। बताया जा रहा है कि ईडी ने कई घंटे तक जमीन रजिस्ट्री के संबंध में पूछताछ की। खबर है कि दो अधिकारियों को समन जारी कर कार्यालय में पूछताछ के लिए भी तलब किया गया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है। चर्चा है कि तहसील कार्यालय में उपपंजीयक कार्यालय में जांच के दौरान ईडी के अफसर यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि जमीन के बड़े हिस्से को छोटे टुकड़ों में कैसे बांटा जाता है? इसकी रजिस्ट्री कैसे होती है? इसके लिए किन किन दस्तावेजों की जरुरत पड़ती है? इसके अलावा ईडी की ओर से अन्य सवाल भी पूछे जाने की खबर है। बताया जाता है कि राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पहले राजस्व संहिता की धारा- 6 का प्रकाशन किया गया। कुछ दिन बाद धारा- 4 का प्रकाशन हुआ। इसके साथ ही हाइवे के लिए अधिग्रहित जमीन की खरीदी बिक्री पर रोक लग गई। अधिग्रहित जमीन का खसरा नंबर रजिस्टार कार्यालय को उपलब्ध कराया गया था। मगर रोक के बाद भी कटघोरा क्षेत्र में हाइवे के लिए अधिग्रहित जमीन को टुकड़ों में बांटकर खरीदी बिक्री का काम होता रहा। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के पटवारी ने रजिस्ट्रार कार्यालय को एक प्रतिवेदन दिया। इसमें बताया गया कि उक्त जमीन हाइवे के लिए अधिग्रहित नहीं हुआ है। जबकि वह जमीन हाइवे के लिए अधिग्रहित थी। ऐसा करना सरकारी खजानों को नुकसान पहुंचाना है। अब देखने वाली बात होगी कि ईडी द्वारा पूछताछ के दौरान क्या मामला सामने आता है और कौन कौन अधिकारी व कर्मचारी ईडी की रडार में आते हैं। फिलहाल कटघोरा रजिस्ट्रार कार्यालय में ईडी की जांच कटघोरा नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है। बरहाल इस मामले में ईडी की ओर से कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं हुए हैं। उक्त बातों की चर्चा शहर में बनी हुई है,ह इसमें कितनी सच्चाई है यह तो ईडी के अफसर ही बता सकते हैं।