ब्रेकिंग न्यूज़……..कोरबा भाजपा प्रत्याशी लखन के गृहग्राम के भू विस्थापित जन चौपाल में मिट्टी तेल डालकर पहुंचें आत्मदाह करने, एनटीपीसी के भू विस्थापित चारपारा कोहड़िया के लोगों ने किया आत्मदाह का प्रयास, 2013 से 2018 तक बीजेपी सरकार में विधायक रहते संसदीय सचिव रहे लखन फिर भी भू विस्थापितों को नहीं दिला पाए न्याय
कोरबा। कोरबा विधानसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी लखन लाल देवांगन के गृह ग्राम चारपारा कोहड़िया के भू विस्थापित वर्षों से न्याय पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। वर्ष 2013 से 18 तक प्रदेश में बीजेपी की सरकार रही। लखनलाल देवांगन सरकार में संसदीय सचिव रहे। वर्तमान की तरह उस दौरान भी केंद्र में भी भाजपा की सत्ता थी। उसके बावजूद संसदीय सचिव लखन लाल देवांगन अपने गृह ग्राम के भू विस्थापितों को न्याय नहीं दिला पाए। अब हालात यह है कि न्याय की लड़ाई लड़ने वाले विस्थापित थक चुके हैं। जिसके कारण उनको जन चौपाल में आत्मदाह का कदम उठाने मजबूर होना पड़ा। हालांकि उन्हें आत्मदाह करने से रोक लिया गया।
जिले में लगभग 132 दिनों से धरना पर बैठे एनटीपीसी कोरबा के भू विस्थापित ग्राम चारपारा कोहड़िया के 06 परिवार के लोगों ने न्याय न मिलने पर कलेक्टर कार्यालय जन चौपाल में पहुंचकर अपने ऊपर मिट्टी तेल डालकर आत्मदाह का प्रयास करने लगे। जबकि तानसेन चौक पर मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर 22 अप्रैल 2023 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रही है। इस लंबे अंतराल में मध्यस्थता या समाधान के लिए कोई पहल व प्रयास होता नहीं दिखा। भू विस्थापितों के लिए लड़ने वाले सामने आए तो भी पब्लिसिटी के लिए,राजनीतिक दल के लोग भी समर्थन देकर भूल गए। वही इधर हर तरफ से हताश होकर धरना पर बैठे भूविस्थापित मंगलवार को कलेक्टर जन चौपाल में पहुंचकर अपने ऊपर मिट्टी तेल डालकर आत्महत्या करने की गरज से जन चौपाल में पहुंच गए। इन्हें इस हालत में देखते ही मौके पर तैनात सिपाहियों ने सतर्कता बरती और इससे पहले कि ये लोग खुद को आग लगा पाते, जन चौपाल सुनवाई कर रहे कलेक्टर सौरभ कुमार ने अपनी कुर्सी छोड़कर सूझबूझ से परिचय देते हुए इन्हें कुछ करने से पहले रोक लिया। वही सूचना मिलते ही एसपी यू.उदयकिरण भी वहां पहुंचे। वही हम स्टाफ सिविल लाइन पुलिस भी पहुंच चुकी थी। इन सभी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। और आगे की कार्यवाही के लिए एसडीएम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। भू विस्थापित परिवार लखन लाल देवांगन के गृह ग्राम के रहने वाले हैं। भाजपा ने उन्हें कोरबा का प्रत्याशी चुना है। ऐसे में राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि उनके संसदीय सचिव के कार्यकाल में उनके ही गृह ग्राम के भू विस्थापित न्याय के लिए भटकते रहे तो विधायक बन भी जाने से क्या उम्मीद रखा जाए।
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राजस्व मंत्री के गृह जिले का यह हाल
प्रदेश में भाजपा के 15 सालों के दौरान एनटीपीसी के प्रभावित भू विस्थापित अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद करते रहे, लेकिन प्रभावित परिवारों को अब तक रोजगार व मुआवजा नहीं मिला। 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी और प्रदेश सरकार में कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल को राजस्व मंत्री का जिम्मा दिया गया तो प्रभावित परिवारों को उम्मीद जगी थी कि उनकी सुनवाई होगी। राजस्व प्रकरण से जुड़े उनके मामलों में उन्हें न्याय मिलेगा। मगर राजस्व मंत्री के जिले में ही भू विस्थापितों का यह हाल हो चुका है कि उन्हें अब कलेक्टर जन चौपाल में जान देने आत्मघाती कदम उठाने मजबूर होना पड़ रहा है।