Sunday, February 16, 2025

भाजपा के राज में भी पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर के शिकायत की नहीं हो रही सुनवाई, ईडी के प्रतिवेदन के बाद ईओडब्लू में केस दर्ज, लेकिन एक पूर्व कलेक्टर, पूर्व जिला पंचायत सीईओ और पूर्व परियोजना अधिकारी पर नहीं हो रही कार्रवाई

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भाजपा के राज में भी पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर के शिकायत की नहीं हो रही सुनवाई, ईडी के प्रतिवेदन के बाद ईओडब्लू में केस दर्ज, लेकिन एक पूर्व कलेक्टर, पूर्व जिला पंचायत सीईओ और पूर्व परियोजना अधिकारी पर नहीं हो रही कार्रवाई

कोरबा। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रतिवेदन के बाद राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्लू) ने डीएमएफ और कस्टम मिलिंग में विशेष प्रोत्साहन राशि घोटाला में भ्रष्टाचार, साजिश और जालसाजी का केस दर्ज कर लिया है। प्रारंभिक जांच के बाद तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू समेत अन्य लोगों पर केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा ठेकेदार संजय सेंडे, अशोक अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, रिषभ सोनी और बिचौलिया मनोज द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पीयूष साहू, अब्दुल व शेखर को भी आरोपी बनाया गया है। ईओडब्लू ने जांच शुरू कर दी है। वहीं दूसरी और भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता और पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर द्वारा डीएफ और सीएसआर में किए गए गड़बड़ी के मामले में शिकायत धूल खा रही है। कांग्रेस शासन काल में भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच भाजपा शासन काल में भी नहीं हुई है। भ्रष्टाचार करने वाले दो पूर्व कलेक्टर में से एक जेल में है, जबकि एक पूर्व कलेक्टर, एक पूर्व जिला पंचायत सीईओ और एक पूर्व परियोजना अधिकारी कार्यवाही से बचे हुए हैं।
ज्ञात रहे कि विगत 29 अप्रैल 2023 को खनिज न्यास मद (डीएमएफ) में गड़बड़ी करने का पूर्व दो कलेक्टर पर आरोप लगाते हुए पूर्व गृहमंत्री व विधायक ननकीराम कंवर ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर शिकायत की थी। इसमें उन्होंने जिला पंचायत के पूर्व सीईओ सह सचिव जिला खनिज संस्थान पर भी गड़बड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया था। प्रधानमंत्री के नाम 29 अप्रैल 2023 को लिखे पत्र में विधायक कंवर ने कहा था कि डीएमएफ नियम के विरुद्ध वर्ष 2022-23 में प्रशिक्षण, सामग्री सप्लाई और निर्माण संबंधी कार्य स्वीकृति में अरबों रुपये के गबन व भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी के विरुद्ध केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डीएमएफ की राशि में अरबों रुपये का घोटाला प्रत्येक वर्ष हो रहा है। वर्ष 2022-23 में शासी परिषद की बैठक में जो कार्य अनुमोदित हुए थे, उनकी स्वीकृति न देकर व्यक्तिगत स्वार्थ से मन चाहे कार्य को स्वीकृत किया गया है और उस कार्य का अनुमोदन भी नहीं लिया गया है। इस तरह से डीेएमएफ की राशि विकास कार्य में खर्च करने के लिए केंद्र सरकार ने जो नियम बनाया है, उसकी पूर्ण रूप से अवहेलना करते हुए पूर्व कलेक्टर ने अपने नियम बनाकर केवल कागजों में कार्य स्वीकृत किए हैं।धरातल में कोई प्रशिक्षण किसी को मिला ही नहीं, सामाग्री सप्लाई भी नहीं हुई। कई निर्माण कार्य नहीं हुए, फिर भी अरबों रुपये गबन कर भ्रष्टाचार पूर्व कलेक्टर, सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास, पूर्व जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सह सचिव जिला खनिज संस्थान न्यास और पूर्व परियोजना समन्वयक द्वारा मिलीभगत कर किया गया है। इस लिखे पत्र में पूर्व कलेक्टर रानू साहू की भी शिकायत की गई है, जो वर्तमान में ईडी की कार्रवाई के बाद जेल में है। वहीं दूसरी ओर पूर्व कलेक्टर, सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास, पूर्व जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सह सचिव जिला खनिज संस्थान न्यास और पूर्व परियोजना समन्वयक पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि पूर्व गृहमंत्री व तत्कालीन भाजपा विधायक ननकी राम कंवर ने जिन अधिकारियों पर अरबों रुपए का भ्रष्टाचार करने की गंभीर आरोप लगाया है वह अपने आप में भाजपा सरकार में पूर्व कलेक्टर, पूर्व जिला सीईओ, पूर्व परियोजना अधिकारी पर कार्यवाही नहीं होने से सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।

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भंडार क्रय नियम का पालन नहीं, जीएसटी की चोरी

विधायक कंवर ने कहा था कि वर्ष 2022-23 में जो कार्य स्वीकृत किया गया है, उसमें प्रशिक्षण, सामग्री सप्लाई और निर्माण स्ट्रीट लाइट संबंधी कार्य के नाम से प्रशिक्षण दिए बिना सामान सप्लाई और बिना निर्माण के अरबों रुपये का घोटाला किया गया है। भंडार क्रय नियम के नियमों का पालन नहीं हुआ है। जीएसटी में भी कई करोड़ रुपये की चोरी की गई है। ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाकर कार्य स्वीकृत कर नियम विरुद्ध ठेकेदार से कार्य कराया जा रहा है। इस तरह से किसी भी सामग्री का जीएसटी बिल नहीं होने के बाद भी राशि भुगतान किया गया।

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गायब करा दी गई अनुमोदन सूची

कंवर का आरोप है कि वर्ष 2022-23 में अनुमोदन किए गए सूची उनके द्वारा मांग करने के बाद नहीं दिया गया। विधानसभा में प्रश्न करने पर सूची दी गई, जिसमें कूटरचित कर केवल पुरुषोतम कंवर विधायक कटघोरा और मोहित केरकेट्टा विधायक पाली तानाखार समेत अध्यक्ष कलेक्टर, सह सचिव मुख्य कार्यपालन अधिकारी का हस्ताक्षर युक्त अनुमोदित सूची प्रदान की गई। इस सूची में उनका और अन्य सदस्य का हस्ताक्षर भी नहीं है, जबकि वे शासी परिषद की बैठक में सम्मिलित हुए थे और हस्ताक्षर भी किया था। उस सूची को गायब कर दिया गया है।

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ईडी के प्रतिवेदन के बाद ईओडब्लू में केस दर्ज, लेकिन कोरबा जिले में पदस्थ रहे एक पूर्व कलेक्टर ने सीएसआर मद से करोड़ो-अरबो रूपये का भ्रष्टाचार किया है। मामले में अगर जांच एजेंसी ने जरा भी संज्ञान लिया तो डायरेक्टर की कुर्सी खतरे पड़ सकती है।

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