Sunday, February 16, 2025

महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को दो विषय में पूरक देने की तैयारी, अधिसूचना जारी होते ही पूरक परीक्षा की तिथियां होंगी घोषित

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महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को दो विषय में पूरक देने की तैयारी, अधिसूचना जारी होते ही पूरक परीक्षा की तिथियां होंगी घोषित

कोरबा। कुलपतियों की बैठक में स्नातक कक्षाओं में दो विषयों में विद्यार्थियों को पूरक देने के फैसले पर मुहर लगा दी गई है। अब इसे अंतिम अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया है। वहां से अधिसूचना जारी होते ही विश्वविद्यालयों में पूरक परीक्षा की तिथियां घोषित की जाएंगे। इस फैसले से हजारों विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।फिलहाल एक विषय में फेल होने वाले विद्यार्थी को ही पूरक की पात्रता दी जाती है। इसके राज्य के छह अकादमिक विश्वविद्यालयों हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर, शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर, शहीद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ और संत गुरु गहिरा विश्वविद्यालय अंबिकापुर के कुलपतियों की बैठक रविवि के सभागार में हुई थी। इसमें पुराने प्रावधान को ध्यान में रखते हुए दो विषयों में पूरक देने का फैसला किया गया ताकि विद्यार्थियों का पूरा एक साल खराब न हो। इस पर मुहर लगाई गई है। सभी विश्वविद्यालय के परिणाम काफी कमजोर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि दो विषय में पूरक का नया प्रावधान सिर्फ इसी साल के लिए रहेगा। इसका सबसे बड़ा कारण है कि कोरोना काल के कारण तीन साल बाद ऑफलाइन मोड में हुई परीक्षा का असर रिजल्ट पर दिखा। सभी विवि का रिजल्ट कमजोर रहा है। जो छात्र फेल हुए हैं, उनमें भी कई 2 विषय में फेल हैं। दो विषय में पूरक की पात्रता मिलने के बाद करीब 80 हजार छात्रों को फायदा होगा। वह आगामी परीक्षा में शामिल हो पाएंगे। बैठक में फैसला लेकर राजभवन भेजा गया है, वहां से अधिसूचना जारी होगी। इसके लिए परीक्षा अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। इसके लिए अंतिम मुहर के लिए राजभवन भेजा गया है। वहां से अधिसूचना जारी होने के बाद पूरक परीक्षा की अधिसूचना जारी की जाएगी।
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90 के दशक का फार्मूला
छत्तीसगढ़ बनने के पहले राज्य में दो विश्वविद्यालय थे, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर और गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर। राज्य के सभी अकादमिक और व्यावसायिक विषय संचालित करने वाले सभी महाविद्यालय इन्हीं दोनों विवि से ही संबद्ध थे। तब 90 के दशक में दो विषयों में पूरक की पात्रता दी जाती थी। बाद में एक विषय में फेल होने पर ही पूरक देने का नियम लागू किया गया। करीब तीन दशक के बाद फिर दो विषय में छात्रों को पूरक देने की तैयारी की जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रारूप तैयार कर लिया है।
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पूरक परीक्षा अधिनियम में अब करना होगा संशोधन
राजकीय विवि के जिस परिनियम के अनुसार बीए, बीकॉम और बीएससी समेत स्नातक स्तर की पढ़ाई और परीक्षाएं होती हैं, उसके अनुसार एक विषय में पूरक का प्रावधान है। ऑर्डिनेंस में संशोधन के बाद ही दो विषय में पूरक की पात्रता दी जा सकेगी। कोरोना काल में जब राज्य के विवि में ऑनलाइन मोड में परीक्षाएं हुई तब भी नियम में संशोधन किया गया था। अब विद्यार्थियों को दो विषयों में पूरक देने के निर्णय के बाद नियम में संशोधन करना होगा।

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