Sunday, February 16, 2025

मानसून पर फिर लगा ब्रेक तो खेतों की बढ़ी प्यास, बांगो बांध से सिंचाई के लिए पानी छोडऩे बढ़ाई गई रफ्तार

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मानसून पर फिर लगा ब्रेक तो खेतों की बढ़ी प्यास, बांगो बांध से सिंचाई के लिए पानी छोडऩे बढ़ाई गई रफ्तार

कोरबा। मानसून पर फिर ब्रेक लगने से सिंचाई के लिए पानी की डिमांड बढ़ गई है। इस सप्ताह लोकल सिस्टम से कम बारिश हो रही है। इस वजह से दांयीं और बांयीं तट नहर में 7 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। नहर के पानी का सबसे अधिक फायदा जांजगीर-चांपा, सक्ती और रायगढ़ जिले के खरसिया तहसील के किसानों को फायदा मिलता है। जिले में कोरबा और करतला ब्लॉक के 50 गांवों के किसान फायदा उठाते हैं। सिंचाई के लिए अक्टूबर तक पानी दिया जाता है। बारिश के हिसाब से ही पानी की मात्रा घटाई और बढ़ाई जाती है। बांगो बांध से सिंचाई के लिए दोनों नहरों में 7 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसकी वजह से बांध का जलस्तर भी 30 सेंटीमीटर तक घट गया है। बांध में अभी 82.24 प्रतिशत पानी का भराव है। जिले में पिछले सप्ताह बारिश होने से 90 प्रतिशत तक खेती हो गई है। 10 प्रतिशत खेती अगले सप्ताह तक होने की संभावना है।जिले में अब तक 621.8 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है, जो सामान्य बारिश का 92.5 प्रतिशत है। बांगो बांध का जलस्तर ऊपरी क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से तेजी से बढ़ा है। शनिवार को जलस्तर 356.60 मीटर दर्ज किया गया। बांध की क्षमता 359.66 मीटर है। इस हिसाब से 3 मीटर और पानी भरा तो गेट खोलने की नौबत आ सकती है। इस वजह से भी हाइडल पावर प्लांट को 24 घंटे चलाया जा रहा है। इससे जलस्तर मेंटेन रहेगा। आगे अधिक बारिश होने पर गेट खोलने की नौबत नहीं आएगी। बांगो बांध से 2 लाख 45 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होती है। पिछले सप्ताह झमाझम बारिश होने पर 500 -500 क्यूसेक पानी की मात्रा घटा दी गई थी। बारिश थमने के बाद तापमान 33 डिग्री पर पहुंच गया है। शाम को बारिश होने पर न्यूनतम तापमान अभी 24 डिग्री पर है। कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक सजय भेलावे ने बताया कि अभी बारिश का कोई सिस्टम नहीं है। लोकल सिस्टम से बारिश हो रही है। इस वजह से तापमान पर कोई खास अंतर नहीं आ रहा है। अगले सप्ताह जरूर अच्छी बारिश हो सकती है। बांगो बांध में बढ़ा जलस्तर, नहरों से छोड़ा जा रहा पानी।
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पिछड़ी खेती, किसानों की बढ़ी टेंशन
पिछले साल की तुलना में इस साल 118 मिली मीटर अधिक बारिश हो चुकी है। पिछले साल 503.3 मिलीमीटर औसत बारिश हुई थी। इस साल 621.8 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, लेकिन मानसून में लंबे ब्रेक की वजह से खेती समय पर नहीं हो पा रही है। खरीफ फसल का रकबा 1 लाख 34 हजार 940 हेक्टेयर है। धान की फसल का रकबा 83 हजार 130 हेक्टेयर है। इनमें से 10 प्रतिशत में रोपा बाकी है। पिछले साल भी अगस्त के अंतिम दिनों तक रोपा किसान लगा सके थे।

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