मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मरीजों को नहीं मिल रहा पौष्टिक आहार, निरीक्षण में मिली खामी, जारी किया गया नोटिस
कोरबा। मेडिकल कालेज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती मरीजों की थाली से पौष्टिक आहार गायब हो गया है। उन्हें प्रबंधन द्वारा निर्धारित मीनू को दरकिनार कर भोजन परोसा जा रहा। खास तो यह है कि खाद्य सुरक्षा मानकों की भी अनदेखी की जा रही है। प्रबंधन ने निरीक्षण के दौरान खामियां उजागर होने के बाद न सिर्फ सर्विस प्रोवाइडर को फटकार लगाई, बल्कि एक दिन की बिल की राशि में कटौती के निर्देश भी जारी किए हैं। मेडिकल कालेज प्रबंधन ने जिला अस्पताल व ट्रामा सेंटर को अधिग्रहित किया है। इन दोनों ही भवनों में मरीजों के लिए करीब 400 बिस्तर की व्यवस्था की गई है। मेडिकल कालेज अस्पताल बनने के बाद सुविधा व संसाधन में बढ़ोतरी हुई है। जिसके चलते इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। इनमें कई मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कर उपचार किया जाता है। मरीजों को इलाज के दौरान गुणवत्तायुक्त और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी प्रबंधन की होती है। प्रबंधन द्वारा इलाज के लिए भर्ती मरीजों तक भोजन पहुंचाने टेंडर जारी किया गया था। जिसमें जननी प्रसुताओं के लिए प्रति थाली भोजन का दर 250 रुपए व अन्य मरीजों के लिए 150 रुपए निर्धारित है। इसके अलावा मरीजों को प्रतिदिन अलग अलग तरह के भोजन परोसने मीनू निर्धारित किए गए हैं।नियमानुसार मरीजों को परोसे जाने वाले भोजन में गुणवत्ता व खाद्य के मानकों का पालन करना अनिवार्य है। इसके विपरीत मेडिकल कालेज अस्पताल के मरीजों की थाली से पौष्टिक आहार गायब हो गया है। उन्हें मीनू को दरकिनार कर भोजन परोसा जा रहा था। जिसकी शिकायत लगातार प्रबंधन को मिल रही थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए मेडिकल कालेज के सहायक अधीक्षक डॉ. रविकांत जाटवर निरीक्षण पर निकले। वे ट्रामा सेंटर में निरीक्षण कर रहे थे। इसी दौरान सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के कर्मचारी भोजन की ट्राली लेकर पहुंचे। इस ट्राली में सब्जी के नाम पर रसदार आलू, चावल और पतला दाल शामिल था। कर्मचारियों ने मरीजों को परोसने बोरे में भरकर रोटी लाया था। जिसे देखते ही सहायक अधीक्षक ने फटकार लगानी शुरू कर दी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मरीजों को परोसे जाने वाले भोजन में किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। प्रबंधन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य है। उन्होंने रोटी को बोरी में रखे जाने पर भी एतराज जताया। उनके सख्त रवैये को देखते हुए तत्काल हॉटपॉट में रोटी लाया गया। सहायक अधीक्षक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नोटिस जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि संबंधित कंपनी को एक दिन की बिल की राशि में कटौती की बात भी कही है।
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नियमों की कर रहे अनदेखी
मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा मरीजों तक भोजन पहुंचाने के नियम निर्धारित किए गए हैं। इसके बावजूद सर्विस प्रोवाइडर के कर्मचारी नियमों की अनदेखी कर रहे। इसका खुलासा निरीक्षण के दौरान हुआ। दरअसल ट्रामा सेंटर में मरीज के परिजन भोजन लेने हाथ में बर्तन लेकर कतार से खड़े थे। जब सहायक अधीक्षक ने कर्मचारियों से पूछताछ की तो पता चला कि पैकिंग के लिए कर्मचारी नहीं है।
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नए ठेकेदार की हो रही तलाश
बताया जा रहा है कि मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा पूर्व में मरीजों को भोजन परोसने टेंडर जारी किया गया था। जिसकी मियाद पूरी हो चुकी है। अब एक बार फिर नए सिरे से टेंडर देने की कवायद शुरू की गई है। इसके लिए प्रबंधन ने निविदा जारी कर दिया है। जिसकी प्रक्रिया 45 दिवस के भीतर पूरी कर ली जाएगी। इस बार भोजन में गुणवत्ता और पौष्टिकता को बरकरार रखने नियम कायदों में बदलाव भी किया जा सकता है।