राजनीतिक दलों में टिकट के लिए शुरू हुई माथापच्ची,टिकट के लिए नेताओं की रायपुर से लेकर दिल्ली तक दौड़ शुरू,चुनाव से पहले चुनावी सरगर्मी हुई तेज
कोरबा। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अभी से मतदाताओं को साधना शुरू कर दिया है। भाजपा जहां केंद्र सरकार के 9 साल की उपलब्धियों को गिना कर अपना वोट बैंक तैयार कर रही है, तो दूसरी और कांग्रेसी अपनी कार्यकाल की उपलब्धियों और योजनाओं के बूते दोबारा प्रदेश में सरकार बनाने की कवायद में जुट गए हैं। भाजपा कांग्रेस की कवायद के बीच इस बार केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी छत्तीसगढ़ में दस्तक दे दी है। वह मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहते। ऐसे में पार्टियां जिताऊ प्रत्याशी की तलाश में जुट गई है तो टिकट के तलबगार नेता रायपुर से दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं। चुनावी दस्तक के साथ ही राजनीतिक गतिविधि तेज होने लगी है। टिकट के दावेदार भी जोर अजमाइश शुरू कर चुके हैं। रायपुर से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगाई जा रही है। भीतर ही भीतर हर कोई अपनी टिकट पक्की होने का दावा कर रहा है। सब बड़े नेताओं को साधने में जुट गए हैं। हालात दोनों पार्टियों में बराबर है। दरअसल दोनों दलों के नेताओं को लग रहा है कि माहौल इस बार उनकी पार्टी के पक्ष में इसलिए उनकी जीत भी तय है। बता दें कि छत्तीसगढ़ का मानसून सत्र इस सरकार का आखिरी विधानसभा सत्र होगा। ऐसा कहा जा रहा है कि अक्टूबर में आचार संहिता की घोषणा हो जाएगी। दिसंबर में चुनाव होना है। जनवरी के प्रथम सप्ताह में नई सरकार शपथ ले लेगी। ये शेड्यूल बन चुका है। इसलिए चुनावी हलचल ने गति पकड़ लिया है। हर कोई खुद को प्रमुख तथा जीतने लायक दावेदार बता रहा है। एक तरह से नेताओं ने खुद का सर्वे भी करा लिया है। इसलिए वह पूरी तरह से अति आत्मविश्वास में है कि उन्हें टिकट मिला तो वहीं जीत पाएंगे, दूसरे को मिला तो वह हार जाएगा। इसलिए चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों ने अभी से आकाओं को साधना शुरू कर दिया है। रायपुर से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगाई जा रही है। इंटरनेट मीडिया में पोस्ट डाले जा रहे हैं। दीवार लेखन में भी नेता एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में है।
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टिकट की चाहत, आकाओं के चक्कर शुरू
विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि भाजपा व कांग्रेस के नेता टिकट के लिए बायोडाटा लेकर घूमना शुरू कर चुके हैं। आकाओं के चक्कर काट रहे हैं। कोई रोज रायपुर में डेरा डाले हुए तो कोई आए दिन दिल्ली का चक्कर काट रहा है। बताया जा रहा है कि सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा इस बार टिकट को लेकर कोई रिस्क नहीं लेने वाली। टिकट वितरण को लेकर फार्मूला सिर्फ अमीत शाह का चलने वाला है। वहीं कांग्रेस की चुनावी समिति भी गठित हो चुकी है।
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आंकड़ा बदलने को बेताब भाजपा कांग्रेस
आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही कोरबा के आंकड़े को बदलना चाहते हैं। वर्तमान में भाजपा का एक और कांग्रेस के तीन विधायक हैं। पाली तानाखार, कटघोरा और कोरबा में पंजा की पकड़ मजबूत है, जबकि रामपुर विधानसभा क्षेत्र में कमल खिला हुआ है। भाजपा चाहती है कि इस बार चारों सीटों पर कमल खिल जाए, वहीं कांग्रेस की कोशिश है कि 3 -1 के आंकड़े को 4-0 करते हुए कोरबा से भाजपा का सूपड़ा ही साफ कर दिया जाए।