वेतन समझौता पर अब भी लटक रही तलवार,मामले में 4 सितम्बर को होनी है अगली सुनवाई

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वेतन समझौता पर अब भी लटक रही तलवार,मामले में 4 सितम्बर को होनी है अगली सुनवाई

कोरबा। छत्तीसगढ़ बिलासपुर हाईकोर्ट ने नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट- 11 के एमओयू के तहत नए वेतनमान के भुगतान पर स्टे देने से भले ही इनकार कर दिया है, लेकिन इस पर तलवार अभी भी लटक रही है। 3 जुलाई की आर्डरशीट में अंतिम लाइन में न्यायाधीश पी सेम कोशी ने लिखा है कि “विवादित आदेश का कोई भी कार्यान्वयन वर्तमान रिट याचिका के परिणाम के अधीन होगा”। इसका आशय यह है कि समझौता के एमओयू को निरस्त करने संबंधी मांग पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के पक्ष में कोई फैसला दिया तो नए वेतनमान पर इसका असर पड़ेगा। यानी नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट- 11 रद्द भी हो सकता है। हालांकि कोयला कामगारों को नए वेतनमान के अनुसार भुगतान प्रारंभ हो चुका है। मामले में अगली सुनवाई 4 सितम्बर को होगी। इसी दिन पता चलेगा कि कोर्ट का इस मसले पर कैसा रूख है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मामले में कोर्ट के समक्ष किस तरह की दलीलें देते हैं। बचाव पक्ष की दलीलें क्या और कैसी रहेंगी, यह भी देखना होगा। अमूमन इस तरह के मामलों में सुनवाई लंबी चलती है।यहां बताना होगा कि हाईकोर्ट में नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट- 11 के एमओयू को रद्द करने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट ने इसके लिए 4 सितम्बर की तारीख मुकर्रर की है। एसईसीएल में कार्यरत कार्यकारी संवर्ग के 19 अधिकारियों ने याचिका दायर कर रखी है। इसमें सचिव हैवी इंडस्ट्रीज एंड पब्लिक इंटरप्राइजेस मंत्रालय नई दिल्ली, कोयला मंत्रालय के कोल सेक्रेटरी, कोल इंडिया चेयरमैन, सीआईएल निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध), एसईसीएल सीएमडी एवं जेबीसीसीआई को पार्टी बनाया गया है।याचिका में उल्लेखित किया गया है प्रतिवादी कोल इंडिया लिमिटेड कंपनी के कर्मचारी हैं और वर्तमान में कार्यकारी कैडर में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट के समक्ष डीपीई की गाइडलाइन, जेबीसीसीआई बैठकों का पूरा ब्योरा, एनसीडब्ल्यूए- 11 का एमओयू, वेतन विवाद कैसे उत्पन्न हो रहा है, आंकड़ों के साथ इसकी जानकारी प्रस्तुत की है।

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