सरकारी पुस्तक कबाड़ में बेचने की योजना पर फिरा पानी, भूलसीडीह स्थित वनोपज जांच बेरियर के पास पकड़ाया पुस्तक से भरा मालवाहक
कोरबा। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा दसवीं तक की बच्चों को निशुल्क दी जाने वाली पुस्तकों को कबाड़ में बेचने की तैयारी की जा रही थी। इस योजना में संबंधित कामयाब हो पाती इससे पहले जांच बेरियर में पुस्तकों को कबाड़ में एक की पोल खुल गई। सरकारी पुस्तक को बेचने वालों की योजना पर पानी फिर गया।स्कूलों में छात्र छात्राओं को बांटी जाने वाली पुस्तकें कबाड़ दुकान पहुंच रही है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चे अपना भविष्य कैसे गढ़ेंगे। स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को पुस्तक वितरण के नाम पर चल रहे गड़बड़झाला का खुलासा उस वक्त हुआ, जब कोरकोमा- झगरहा मार्ग स्थित भुलसीडीह स्थित वनोपज जांच बेरियर में एक वाहन की जांच पड़ताल की गई। दरअसल प्रतिदिन की तरह रविवार की शाम प्रभारी अमरिका प्रसाद यादव, वनकर्मी गुरूवेंद्र कुर्रे व चौकीदार भीषम सिंह बेरियर में तैनात थे। वे वाहनों की जांच पड़ताल कर वाहनों को बेरियर से रवाना कर रहे थे। इसी दौरान मालवाहक ऑटो (छोटा हाथी ) क्रमांक सीजी 12 एपी 9257 मौके पर पहुंंची। इस वाहन में तिरपाल ढंका हुआ था। जब वन कर्मियों ने तिरपाल खोलकर वाहन की जांच की तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गई। मालवाहक ऑटो स्कूली पुस्तकों से भरी हुई थी। जिसमें अलग अलग कक्षा के विभिन्न विषय से संबंधित पुस्तक शामिल थे। वन कर्मियों ने चालक से पूछताछ की तो उसने अपना नाम कबाड़ गोदाम झगरहा निवासी राकेश कुमार मरावी बताया। उसने जानकारी दी कि व्यवसायी के कहने पर कुदमुरा गया था, जहां से पुस्तक लोडकर कोरकोमा पहुंचा। यहां भी स्कुलों से पुस्तक लोड कर कबाड़ दुकान जा रहा है। वह वन कर्मियों के सामने पुस्तक की खरीदी बिक्री संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत नही कर सका। वन कर्मियों ने संबंधित अधिकारियों को भी सूचना दे दी है। मामले का खुलासा जांच उपरांत ही हो सकेगा। वाहन चालक राकेश की मानें तो रविवार होने के कारण स्कूल में कोई शिक्षक नही था। जब वह वाहन लोड कर रहा था तो एक व्यक्ति मौजूद था। जिसने बिल और अन्य दस्तावेज वाट्सअप में भेज देने की बात कही है। वहीं वाहन चालक एक व्यवसायी से पुस्तक लेने की बात कहता रहा। जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं।