सर्वे करने पहुंचे अफसरों को करना पड़ा विरोध का सामना
जबरिया नापी के खिलाफ लामबंद हुए ग्रामीण
कोरबा। एसईसीएल गेवरा परियोजना अंतर्गत ग्राम अमगांव के ग्रामीणों ने प्रबंधन पर जबरिया नापी का आरोप लगाया है। जिसके खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश भड़क उठा है। उन्होंने प्रबंधन से स्पष्ट कहा है कि पहले बसाहट, मुआवजा व रोजगार के प्रकरणों का निराकरण किया जाए। इसके बावजूद जबरदस्ती नापी किए जाने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है।
साउथ ईस्ट कोलफील्ड लिमिटेड (एसईसीएल) क्षेत्रांतर्गत गेवरा परियोजना के ग्राम पंचायत अमगांव के ग्रामीणों ने शनिवार को नापी सर्वे करने आए अधिकारियों को रोक दिया। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व के आधा दर्जन ग्रामों के बसाहट, मुआवजा, रोजगार सहित अन्य प्रकरण लंबित है। अभी भी पुनर्वास मुआवजा रोजगार को लेकर ग्रामीण दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। बरसात के समय नापी करना अनुचित है। ऐसे ही अमगांव पंचायत की बसाहट, मुआवजा, रोजगार सहित अन्य सुविधाओं से जुड़े मसले आज भी एसईसीएल गेवरा प्रबंधन के द्वारा निराकरण नहीं किया गया है। बसाहट को लेकर विस्थापन स्थल पर ना तो समतलीकरण और ना ही पेड़ पौधों की कटाई एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा निराकरण नहीं किया गया है। अभी भी बसाहट लंबित पड़ा है। ग्रामीणों ने कहा कि वैसे ही अमगांव की मुआवजा न्यायालय में प्रक्रियाधीन है। एसईसीएल गेवरा प्रबंधन के द्वारा कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि अमगांव पंचायत के कई रोजगार प्रकरणों का समाधान नहीं हुआ है। वे दर-दर भटक रहे हैं। पहले भी आधा दर्जन ग्रामों का अधिग्रहण कर नापी सर्वे करने के उपरांत बसाहट, मुआवजा, रोजगार सहित अन्य मामले किसी ना किसी कारण से एसईसीएल प्रबंधन द्वारा लटका कर रखा गया है। साथ ही वर्षा ऋतु जारी है। ग्रामीणों ने कहा खदान और बस्ती कहीं नही भागा जा रहा है। खदान और बस्ती अपने जगह स्थान पर है। पहले बसाहट, मुआवजा, रोजगार सहित अन्य मामलों का निपटारा एसईसीएल गेवरा प्रबंधन द्वारा किया जाना चाहिए। जब तक अमगांव पंचायत के पूर्व के मामले का निराकरण नहीं हो जाता तब तक नापी सर्वे करने का कोई अनुचित नहीं है। जिसका ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया ।