हाई प्रोफाइल कोरबा सीट पर जय बनाम लखन के पूरे आसार, भाजपा ने लखन का टिकट किया है फाइनल, कांग्रेस से जयसिंह की टिकट मानी जा रही पक्की
कोरबा। विधानसभा चुनाव को लेकर जिले के हाई प्रोफाइल सीट कोरबा में लखन लाल देवांगन बनाम राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के बीच मुकाबले के प्रबल आसार हैं। भाजपा ने लखन को प्रत्याशी घोषित कर दिया है, जबकि कांग्रेस की लिस्ट आना भी बाकी है। लेकिन उम्मीद है कि कोरबा सीट पर जय ही कांग्रेस का चेहरा होंगे। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को तीन माह का वक्त शेष रह गया है। भाजपा ने 21 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर इस मामले में कांग्रेस पर बढ़त बना ली है। भाजपा द्वारा जारी की गई सूची में कोरबा विधानसभा क्षेत्र का भी नाम है। यह सीट हाईप्रोफाइल बन चुकी है, क्योंकि यहां से सीटिंग एमएलए जयसिंह अग्रवाल हैं, जो राज्य की कांग्रेस सरकार में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री हैं और उनकी इमेज एक दिग्गज नेता की है। श्री अग्रवाल कोरबा सीट के अस्तित्व (2008) में आने के बाद से ही इस पर काबिज हैं।अब बात करते हैं कोरबा के भाजपा प्रत्याशी लखनलाल देवांगन की। लखनलाल देवांगन एमएलए बनने से पहले 2005 से 2010 तक नगर पालिक निगम, कोरबा के मेयर रह चुके थे। महापौर बनने से पूर्व उन्होंने पार्षद का अपना पहला चुनाव जीता था। महापौर के तौर पर श्री देवांगन ने विकास कार्यों और अपने सहज व्यवहार की वजह से आम लोगों के बीच एक सौम्य नेता की छवि बनाई थी। दूसरा यह कि लखनलाल देवांगन पिछड़ा वर्ग से वास्ता रखते हैं और एक छत्तीसगढिय़ा नेता की इमेज में फीट बैठते हैं। लखनलाल देवांगन को भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह का करीबी माना जाता है। श्री देवांगन का सामना संभवत: कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता जयसिंह अग्रवाल से हो सकता है। ऐसे में उनको सटीक चुनावी रणनीति के साथ मैदान पर उतरना होगा। श्री देवांगन की लड़ाई आसान नहीं है। पार्टी में सीधे तौर पर उनकी मुखालफत करने वाला तो कोई नहीं है, लेकिन एक- दो वर्ग ऐसा है जो आंतरिक तौर नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकता है। हालांकि उन्हें लोगों तक पहुंच बनाने और उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए पर्याप्त समय मिल चुका है। 2018 के चुनाव में भाजपा को हार जरूर मिली थी, किंतु 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी ने कोरबा विधानसभा क्षेत्र 34 हजार 557 मतों से बढ़त हासिल की थी। भाजपा ने लखनलाल देवांगन को 2013 के चुनाव में कटघोरा सीट से चुनावी मैदान पर उतारा था। देवांगन ने कांग्रेस के वरिष्ठ और दिग्गज नेता बोधराम कंवर को 13 हजार 490 मतों के अंतर से पराजित कर दिया था। कांग्रेस के बड़े नेता को हराने का तोहफा उन्हें संसदीय सचिव के तौर पर मिला। 2018 के चुनाव में पार्टी ने फिर से लखनलाल देवांगन पर दांव खेला, लेकिन इस दफे उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी पुरुषोत्तम कंवर से 11 हजार 511 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। अब सवाल यह उठता है कि क्या जयसिंह अग्रवाल कोरबा सीट से चौथी पारी खेलेंगे? जवाब होगा, हां। हां, इसलिए क्योंकि इसकी संभावना बेहद कम है कि पार्टी उनके चुनाव लडऩे पर ब्रेक लगाए। श्री अग्रवाल कोरबा के एक स्थापित और कांग्रेस की नैया पार लगाने वाले नेता हैं। 2023 के चुनाव के लिए भाजपा ने लखनलाल देवांगन को मैदान पर उतार दिया है। कांग्रेस से जयसिंह अग्रवाल चौथी बार कोरबा सीट के लिए उम्मीदवार होंगे, यह लगभग तय है।कांग्रेस ने अभी अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है, लेकिन जयसिंह अग्रवाल की टिकट कर्न्फम मानी जा रही है। चुनाव तैयारी के लिहाज से देखें तो श्री अग्रवाल बीते कई महीनों से इसमें जुटे हुए हैं। उनका इलेक्शन मैनेजमेंट बहुत तगड़ा है। विधानसभा क्षेत्र के सभी समाजों तक उनकी पहुंच है। खासकर महिला और युवा मतदाताओं को साधने में वो माहिर हैं। उनके पास फील्ड पर काम करने वाली एक समर्पित टीम है। सबसे बड़ी बात की पार्टी के भीतर उनका विरोध यानी गुटबाजी नहीं है। क्षेत्र के विकास और लोगों के लिए काम करने के लिहाज से भी जयसिंह अग्रवाल की छवि ठीक है। दूसरी तरफ चलते हैं, श्री अग्रवाल 15 से विधायक हैं और सरकार में कैबिनेट मंत्री भी। तो क्या एंटी- इनकम्बेंसी की स्थिति बनेगी।
बॉक्स
गत चुनाव में विकास को हराया
आंकड़ों की बात करें तो 2018 के चुनाव में जयसिंह अग्रवाल ने भाजपा प्रत्याशी विकास महतो को 11 हजार 806 मतों के अंतर से हराया था। यानी जीत का प्रतिशत 7.73 था। जबकि 2013 के चुनाव में जयसिंह अग्रवाल ने 14 हजार 449 मतों के अंतर से भाजपा के जोगेश लांबा को पराजित किया था। 2008 में अस्तित्व में आए कोरबा विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए पहले चुनाव में जयसिंह अग्रवाल ने जीत जरूर हासिल की, लेकिन महज 587 वोटों के अंतर से। आंकड़ों के लिहाज से जयसिंह अग्रवाल की जीत बड़े अंतर से नहीं रही है।
बॉक्स
किस पाले में जाएंगे जोगी कांग्रेस के वोट
2018 के चुनाव में अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी) बसपा के साथ चुनावी गठबंधन बना मैदान पर थी। कोरबा सीट से रामसिंह अग्रवाल ने जेसीसी की टिकट पर चुनाव लड़ा था और 12.92 फीसदी यानी 20 हजार 938 वोट प्राप्त किए थे। रामसिंह ने जो 12.92 प्रतिशत वोट खीचें थे वो ज्यादातर कांग्रेस के थे। उस समय बहुत से कांग्रेसियों ने जेसीसी का दामन थाम लिया था। 2023 का परिदृश्य कुछ और है। अजीत जोगी के देहांत के बाद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ कमजोर हो चुकी है। कोरबा विधानसभा में पार्टी की गतिविधियां पहले की तरह नहीं है। अब सवाल उठता है कि जेसीसी को मिले 12.92 फीसदी वोट किस ओर डायवर्ट होंगे? जिसकी पोल उस वक्त खुल गई जब लंबे इंतजार के बाद जिले में बारिश होने लगी। 48 घंटे तक रुक रुक कर हो रही बारिश के कारण नदी नाले पूरी तरह से उफान पर आ गए। जिसमें ग्राम सोलवा का फूल सरिया नाले में बनाया गया जलाशय भी शामिल था। इस जलाशय में जलभराव को पानी निकासी के लिए बनाया गया नहर नहीं सह सका और पानी के तेज बहाव में नहर का पूरा स्ट्रक्चर ही बह गया। इधर जलाशय में काफी ऊंचाई तक मिट्टी डालकर बंड तैयार किया गया था जिसमें जगह-जगह दरारे आ गई। कई स्थानों पर बंड पूरी तरह मिट्टी धसान के कारण कमजोर हो गया। मामले में उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।