40 क्रेडिट स्कोर पर विद्यार्थी होंगे पास, नई शिक्षा नीति में अंक के बजाए ग्रेड सिस्टम
कोरबा। नई शिक्षा नीति प्रदेश के कॉलेजों में लागू हो गई है। इस नीति के तहत अब पास होने का मापदंड भी बढ़ गया है। पहले विद्यार्थियों को 33 प्रतिशत अंक पाने पर पास मान लिया जाता था। वर्तमान शिक्षा सत्र से ऐसा नहीं होगा, क्योंकि इस सत्र से अंक के बजाए ग्रेड सिस्टम लागू किया जा रहा है। इसलिए जिसे अधिकतम 40 अंक मिलेंगे, उसे ग्रेड 4 में रखा जाएगा। वहीं 90 से 100 अंक प्राप्त करने वाले आउट स्टैंडिंग माने जाएंगे। ग्रेड 4 से कम पाने पर विद्यार्थी फेल हो जाएगा। छत्तीसगढ़ के कुछ विश्वविद्यालयों को छोडक़र अधिकांश में वर्तमान शिक्षा सत्र(2024-25) से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो गई है। विश्वविद्यालय द्वारा सभी संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों को इस नीति से अवगत करा दिया गया है। इस नई पॉलिसी के तहत स्नातक स्तर के सभी कोर्स में पढ़ाई सेमेस्टर में होगी। बीए, बीएससी, बीएससी(होम साइंस), बी. कॉम, बीसीए, और बीबीए कोर्स यानी यूजी में नई शिक्षा नीति को इसी साल से लागू कर दिया गया है। 40 क्रेडिट स्कोर पर विद्यार्थी पास तो माना जाएगा, लेकिन चार सालों में उसे 80 क्रेडिट स्कोर लाना होगा। फर्स्ट सेमेस्टर के विद्यार्थियों को अपनी पसंद से दूसरे विषय भी लेने हैं। बहुत अधिक बदलाव नहीं है, लेकिन नई शिक्षा नीति में जो भी बदलाव किया गया है, उसी पॉलिसी के आधार पर परीक्षा ली जाएगी। पास होने के लिए न्यूनतम अंक तो पहले भी निर्धारित रहा है।
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दो बार होगा आंतरिक मूल्यांकन
असाइनमेंट मिलाकर 30 अंक पासिंग नंबर का नया सिस्टम सिर्फ अंडर ग्रेजुएट प्रथम वर्ष के लिए ही रहेगा। कॉलेजों में दो बार आंतरिक मूल्यांकन लिए जाएंगे। यह 20-20 नंबरों का होगा, इन दोनों में जिस परीक्षा में परीक्षार्थी अधिक अंक पाएगा उसे जोड़ा जाएगा। इसे ऐसे समझा जा सकता है, एक बार की परीक्षा में यदि परीक्षार्थी 12 नंबर पाता है और दूसरी बार वह यदि 17 नंबर पाता है, तो दूसरी बार के अंक जोड़े जाएंगे। वहीं 10 अंकों का असाइनमेंट भी होगा। इस तरह 30 फीसदी अंक कॉलेज स्तर पर तय होंगे।