अब प्राध्यापक भी शिक्षकों की तरह होंगे राष्ट्रीय पुरस्कार के हकदार, शिक्षक दिवस पर होगा सम्मान, केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने की पहल
कोरबा। अब उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार समेत उल्लेखनीय काम करने वाले प्राध्यापकों को भी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यह पहल की है। अब तक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को ही राष्ट्रपति और राज्यपाल स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाता रहा है। पहली बार उच्च शिक्षा यानी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए दो कैटेगरी में पुरस्कार दिए जाएंगे।
शिक्षकों को सम्मान देने की परंपरा रही है, लेकिन अब तक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को ही पुरस्कृत और सम्मानित किया जाता रहा है। इसके लिए राष्ट्रपति व राज्यपाल स्तर पर पुरस्कार दिए जाते हैं। पहली बार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वालों को सम्मानित होंगे।अवार्ड पोर्टल के जरिए अपने कार्यों और नवाचार की जानकारी देते हुए 30 जुलाई तक आवेदन कर सकेंगे। शिक्षकों को 800 शब्दों में अपनी उपलब्धियां बतानी होंगी। इसमें शिक्षण का छात्रों पर प्रभाव, रिसर्च, इनोवेशन, इंटरप्रेन्योरशिप, स्पांसरशर्ड रिसर्च, फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, कंसल्टेंसी, एकेडमिक, इंस्टीट्यूशन लीडरशिप, मैनेजमेंट, आउटरिच एक्टीविटीज, बेस्ट ट्रेनर, मास्टर ट्रेनर, शार्ट- लांग टर्म स्किल ट्रेनिंग आदि के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कामों की जानकारी देनी होगी।
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राष्ट्रपति से सम्मान का मिलेगा मौका
दो कैटेगरी में पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया है। पहली कैटेगरी में वोकेशनल ट्रेनिंग, आईटीआई, पॉलीटेक्नीक आदि के क्षेत्रों में काम करने वाले शिक्षक सम्मानित किए जाएंगे। दूसरी कैटेगरी में उच्च शिक्षा संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों को सम्मान मिलेगा। चयनित शिक्षकों को राष्ट्रपति 5 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले समारोह में पुरस्कार से नवाजेंगी।