Thursday, July 3, 2025

आत्मानंद स्कूलों में शुरू नहीं हुए आर्ट व कॉमर्स संकाय, संचालन के 5 वर्ष बाद भी केवल साइंस का ही विकल्प

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आत्मानंद स्कूलों में शुरू नहीं हुए आर्ट व कॉमर्स संकाय, संचालन के 5 वर्ष बाद भी केवल साइंस का ही विकल्प

कोरबा। जरूरतमंद और गरीब तबके के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी माध्यम शिक्षा देने के लिए छत्तीसगढ़ में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल(सेजेस) की शुरुआत की गई थी। जिसे अब 5 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन आज भी सेजेस में आर्ट्स और कॉमर्स विषय का विकल्प मौजूद नहीं है। दसवीं के बाद 11वीं कक्षा में जाने पर विद्यार्थी विषय चुनते हैं। वर्तमान में आत्मानंद स्कूलों में केवल विज्ञान संकाय ही है मौजूद है। आर्ट और कॉमर्स का विकल्प मौजूद नहीं होने के कारण यदि इस विषय को लेकर कोई छात्र आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहता है, तब उसे निजी स्कूलों का रुख करना पड़ता है। जिससे परिवार पर आर्थिक बोझ पड़ता है. इसके अलावा आर्ट्स कॉमर्स विषय मौजूद नहीं होने के कारण इस विषय के शिक्षकों की नियुक्ति का भी आत्मानंद स्कूल में कोई प्रावधान नहीं है। मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2025-26 की शुरुआत हो चुकी है. इस सत्र में भी सेजेस में आर्ट्स और कॉमर्स के विषय का विकल्प मौजूद नहीं है। ऐसे में मौजूदा सत्र में इन विषय के खुलने को लेकर उम्मीद काफी कम है। हालांकि इन विषयों का विकल्प यदि छात्रों को मिलता है तब उनके लिए यह फायदेमंद होगा। जिले में 53 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय है। पहले उनकी संख्या कम थी। बाद में नए विद्यालय को भी स्वामी आत्मानंद के नाम से संचालित किया जाने लगा। इन 53 विद्यालयों में से 15 अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय जहां आर्ट और कॉमर्स का विकल्प मौजूद नहीं है, जबकि हिंदी माध्यम के जो विद्यालय हैं वह पूर्व से ही शिक्षा विभाग के अधीन संचालित विद्यालय थे इनका नाम बदलकर स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय कर दिया गया। इसलिए यहां पूर्व से ही विज्ञान के साथ आर्ट और कॉमर्स विषय का विकल्प मौजूद है। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय प्रदेश की पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार की महत्वाकांक्षी योजना थी। इसका खूब जोर शोर से प्रचार प्रसार किया गया। नए स्कूल खोले गए, बिल्डिंग बनाई गई और काफी मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान किया गया। आत्मानंद स्कूलों में प्रवेश के लिए होड़ मच जाती थी। वर्तमान में भी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में का क्रेज बरकरार है। प्रदेश में जब सत्ता परिवर्तन हुआ, तब यह चर्चा थी कि छत्तीसगढ़ की विष्णु देव सरकार इन स्कूलों से अपना हाथ खींच सकती है। स्कूल प्रबंधन को स्कूलों के संचालन में परेशानी आ सकती है, लेकिन अब भी आत्मानंद स्कूल संचालित किये जा रहे हैं। वर्तमान में शिक्षा विभाग प्रदेश के मुखिया सीएम विष्णु देव साय के पास ही है। ऐसे में स्कूल से जुड़े फैकल्टी हो या फिर यहां अध्यनरत छात्र सभी को यह उम्मीद भी है कि सीधे सीएम के पास यह विभाग होने से नए विषय को अनुमति मिल सकती है।आर्ट्स और कॉमर्स विषय का विकल्प छात्रों के लिए मौजूद नहीं होने के कारण इस विषय के शिक्षकों के लिए भी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कोई स्थान नहीं है। यहां केवल और केवल विज्ञान विषय के शिक्षक ही नियुक्त हैं, जबकि कॉमर्स और आर्ट्स विषय शिक्षक, जो अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ाने की अर्हता रखते हैं, उनके लिए भी इन स्कूलों में कोई स्थान नहीं है।
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निजी स्कूलों का करना होगा रुख
चूंकि यह विद्यालय अंग्रेजी माध्यम से संचालित हैं। शिक्षा पूरी तरह से नि:शुल्क है. इसलिए छात्र जब 10वीं तक की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से पढ़ लेते हैं, तब आर्ट्स, कॉमर्स का विकल्प चुनने के लिए उन्हें अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों का ही रुख करना पड़ेगा। इसलिए वो निजी स्कूलों की दहलीज तक जाने के लिए विवश हो जाते हैं इसलिए आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल से दसवीं तक की पढ़ाई करने वाले स्कूल यदि आर्ट्स कॉमर्स लेना चाहे तो उन्हें निजी स्कूलों में ही पढऩा होगा।

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