कोरबा एरिया ने दूर की एसईसीएल प्रबंधन की टेंशन, मानिकपुर ने 28.45 और सरायपाली से 10 लाख टन हो चुका है उत्पादन
कोरबा। एसईसीएल की कोरबा एरिया ने अब तक बेहतर प्रदर्शन किया। एरिया की मानिकपुर और सरायपाली खुली खदान के बूते कोरबा क्षेत्र ने 50 लाख कोयला उत्पादन का आंकड़ा पार कर लिया है। माना जा रहा है कि इस वित्तीय वर्ष भी मानिकपुर खुली खदान गत वर्षों की भांतिअपना उत्पादन लक्ष्य समय से पहले पूरा कर लेगीढ्ढ जिसके प्रयास में कर्मचारी अधिकारी जुटे हुए हैं।मानिकपुर खुली खदान का उत्पादन लक्ष्य इस वर्ष 52.50 लाख है। अभी तक 28.45 लाख टन कोयला उत्पादन कर 134 फीसदी अपने उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है ढ्ढ पूरे कोरबा एरिया का उत्पादन लक्ष्य 83.60 लाख टन है। कोरबा एरिया ने अभी तक 114 फीसदी की दर से 50 लाख टन से ज्यादा कोयल का उत्पादन किया हैढ्ढ मानिकपुर के अलावा सरायपाली खुली खदान भी अपने उत्पादन लक्ष्य से अधिक उत्पादन कर सकती है। अभी तक 10 लाख हो चुका है ढ्ढ इसके अलावा अंबिका खदान से भी इस वर्ष 2.50 लाख टन कोयले के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। अधिकारी बताते हैं कि अंबिका खदान भी बहुत जल्द ही कोयला उत्पादन शुरू करेगी। अंडरग्राउंड माइन्स में रजगामार खदान में कंटीन्यूअस माइनर द्वारा इस वर्ष 3 लाख टन कोयले उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, परंतु खदान में फॉरेस्ट क्लीयरेंस के कारण उत्पादन बाधित हैढ्ढ कोरबा एरिया की अन्य अंडरग्राउंड माइन्स भी सी टी ओ के कारण डिस्कंटीन्यू है, जिन्हें भी जल्द चालू करने के प्रयास किया जा रहा है।
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कुसमुंडा बढ़ा रहा है चिंता
कोरबा एरिया की खुली खदानों और भूमिगत माइंस से लक्ष्य अनुरूप उत्पादन किया जा रहा है। दूसरी ओर कंपनी की मेगा परियोजना कुसमुंडा के निगेटिव ग्रोथ ने चिंता बढ़ा दी है। एरिया को 52 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। जबकि इस लक्ष्य का आधा उत्पादन भी नहीं हुआ है। दूसरी और दीपका और गेवरा एरिया लक्ष्य से पीछे जरूर है मगर कुसमुंडा की तरह बेहद निराशाजनक प्रदर्शन के दायरे में नहीं हैं।