चार सूत्रीय मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश पर शासकीय अधिकारी कर्मचारी, दफ्तरों में पसरा सन्नाटा, चौथे चरण में किया काम बंद कलमबंद हड़ताल
कोरबा। छत्तीसगढ़ सरकार के अधीन विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारी फिर से आंदोलन में डटे हुए हैं। शुक्रवार को कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन की घोषणा किया है। इसका असर कोरबा में भी रहा और विभिन्न सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी आंदोलन में शामिल हुए। आईटीआई तानसेन चौक पर काम बंद कलम बंद हड़ताल कर अपनी आवाज बुलंद की। शासकीय अधिकारी कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश के कारण कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा।पदाधिकारियों ने बताया कि संघ की मांग जनवरी 2024 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता व जुलाई 2019 से अनियमित डीए का एरियर कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में समायोजित करने की मांग प्रमुख है। इसके अलावा कर्मचारी और अधिकारी केंद्रीय कर्मचारियों के समान गृह भाड़ा व चार स्तरीय समयमान वेतन की मांग भी कर रहे हैं। कर्मचारी संघ की ओर से बताया गया है कि मोदी की सरकार ने 240 दिन के स्थान पर 300 दिनों का अवकाश नगदीकरण की गारंटी दी है, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसे लेकर क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन चल रहा है। 27 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। इसमें शिक्षक, बाबू, पटवारी, तहसीलदार और डिप्टी कलेक्टर तक के कर्मचारी शामिल हुए। आंदोलन में सफाई कर्मचारियों को भी शामिल किया गया। इस दौरान अधिकारी कर्मचारियों ने विभागों में काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि पहले तीन चरणों में शांति पूर्वक आन्दोलन के माध्यम से मांग सरकार के समक्ष रखी गई है, जिसमें पहले चरण में 6 अगस्त को इंद्रावती से महानदी भवन तक शांति मशाल रैली, दुसरा चरण 20 अगस्त से 30 अगस्त तक विधायक, सांसद, मंत्रियों को ज्ञापन, 11 सितम्बर को प्रदेश के 146 वि. खण्ड एवं 33 जिला मुख्यालयों में शांति मशाल रैली कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन, अब चौथे चरण 27 सिम्बर को जिला मुख्यालयों में विशाल धरना रैली कर कर्मचारी अधिकारी अपनी चार सूत्रीय मांग जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार के समक्ष रख रहे हैं।