Thursday, November 21, 2024

जिले में मौसमी बीमारियों का बढ़ा खतरा, स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट

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जिले में मौसमी बीमारियों का बढ़ा खतरा, स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट

कोरबा। जिले में उमस भरी गर्मी लोगों की सेहत बिगाड़ रही है।बरसात के मौसम में तापमान में उतार-चढ़ाव होने से बैक्टीरिया का प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य पर पड़ता है, जिससे वह सर्दी या फ्लू का शिकार हो जाता है। संक्रामक बीमारियों के प्रसार को लेकर स्वास्थ्य अमला भी अलर्ट हो गया है। बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी भी आयु के व्यक्ति को मौसमी बीमारियां हो सकती है। इस के लिए बरसात के मौसम में अपने शरीर को सुरक्षित रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो एवं बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा करे। चिकित्सकों ने बताया कि मानसून में कई तरह के मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू आदि का खतरा काफी बढ़ जाता है साथ ही दूषित जल से हैजा, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए जैसी गंभीर बीमारियों से संक्रमित होने का खतरा रहता है।उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में मलेरिया से अधिक लोग ग्रस्त रहते हैं। बारिश के दिनों में गड्ढों में भरे हुए पानी मच्छरों के प्रजनन के लिए उपयुक्त होता है। इस मौसम में संक्रमित मच्छरों के काटने के कारण मलेरिया व डेंगू जैसी बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है। डेंगू एडिज मच्छर के काटने से फैलता है। ये दोनों ही बीमारियां गंभीर स्थिति में पहुंचने पर जानलेवा भी हो सकती हैं। इसलिए इनसे बचाव के लिए मच्छरों को पनपने से रोकना चाहिए। घर के आसपास जल जमाव नहीं होने देना चाहिए।
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बीमारी से बचें, बचाव के करें उपाय
सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए। बुखार, उल्टी, दस्त जैसी समस्या होने पर निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की सलाह से ही दवाइयों का सेवन करना चाहिए। इसी प्रकार हैजा (डायरिया) एक जलजनित संक्रमण है जो शरीर में कालरा फैलाता है इस रोग के होने पर दस्त व डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। डायरिया संक्रामक रोग है जो सभी विकासशील देशों में व्यापक है। यह तीन साल से कम उम्र के बच्चों को हर साल औसतन तीन बार होता है।

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