डॉक्टर साहब अब लेट आने का नहीं चलेगा कोई बहाना,मेडिकल कॉलेज में हाजिरी के साथ लोकेशन की देनी होगी जानकारी, फेस आधारित आधार प्रमाणीकरण एप तैयार

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डॉक्टर साहब अब लेट आने का नहीं चलेगा कोई बहाना,मेडिकल कॉलेज में हाजिरी के साथ लोकेशन की देनी होगी जानकारी, फेस आधारित आधार प्रमाणीकरण एप तैयार

कोरबा। देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की हाजिरी के लिए सरकार ने नया मोबाइल एप बनवाया है, जिसमें चेहरे से पहचान और जीपीएस के जरिए हाजिरी दर्ज होगी। डॉक्टरों की उपस्थिति के लिए सरकार ने अब नई तकनीक का सहारा लिया है। केंद्र सरकार ने फेस आधारित आधार प्रमाणीकरण मोबाइल एप बनवाया है जो प्रत्येक डॉक्टर के फोन में इंस्टॉल होना जरूरी है। अस्पताल आने के बाद इस एप के जरिये सेल्फी देनी होगी। इसी दौरान एप पर मौजूद जीपीएस लोकेशन भी देनी होगी। कोरबा मेडिकल कॉलेज में भी इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। अस्पताल परिसर के 100 मीटर के दायरे से बाहर होने पर यह मोबाइल एप हाजिरी को निरस्त कर देगा। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों से उनके अस्पतालों की जीपीएस लोकेशन मांगी है। एनएमसी ने कहा है कि सभी कॉलेज अपनी जीपीएस लोकेशन साझा करेंगे जिसे मोबाइल एप के साथ जोड़ा जाएगा। इसके बाद 24 अप्रैल से यह मोबाइल एप सक्रिय होकर 30 अप्रैल तक सभी डॉक्टरों को इसे अपने फोन में इंस्टॉल करना अनिवार्य है। इसके बाद एक मई से सिर्फ इसी मोबाइल एप के जरिये मेडिकल कॉलेजों के संकाय सदस्यों की उपस्थिति मान्य होगी। दरअसल एनएमसी ने स्नातकोत्तर न्यूनतम मानक आवश्यकताएं 2023 के जरिये कड़े नियम लागू किए हैं। इसके तहत, मेडिकल कॉलेजों में संकाय सदस्यों की 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है। साथ ही कॉलेज के समय में निजी प्रैक्टिस करने पर भी रोक लगाई है। एनएमसी का मानना है कि संकाय सदस्यों की उपस्थिति को लेकर सख्ती के पीछे मेडिकल कॉलेजों में छात्रों की हाजिरी में गिरावट आना बड़ा कारण है। अभी तक सभी कॉलेजों में अंगूठे के निशान देकर हाजिरी लगाई जाती है, लेकिन इसी महीने के आखिर में इन मशीनों को हटाया जाएगा। आगामी एक मई से डॉक्टरों को अपने फोन से ही हाजिरी लगाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि इस एप को डाउनलोड करने के बाद प्रत्येक उपयोगकर्ता को अपने आधार कार्ड से इसे लिंक करना होगा।

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