ब्रेकिंग न्यूज़……..तत्कालीन जिपं सीईओ नूतन के कार्यकाल में सचिवों के खिलाफ वर्षों से लटकी रही जांच, तीन माह में जांच करनी थी पूरी, वर्षों से प्रतिवेदन नहीं हुआ प्रस्तुत, अब शुरू होगी सचिवों के खिलाफ लंबित जांच, 18 अगस्त तक जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश, जिला पंचायत सीईओ एक्शन मोड में
कोरबा। तत्कालीन जिला पंचायत कोरबा सीईओ नूतन कुमार कंवर के कार्यकाल में ग्राम पंचायत सचिवों को अभयदान मिला रहा। सचिवों पर सीईओ कंवर इतने मेहरबान रहे कि तीन माह में जांच पूरी करने के निर्देश के बाद वर्षों से विभागीय जांच पेंडिंग रखे गए। वही उप संचालक पंचायत सुश्री जूली तिर्की पर जिन जांच पूरा कराने जा जिम्मा था उन्होंने ने भी दायित्व निर्वहन में घोर लापरवाही बरती है। नए जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी विश्वदीप ने चार्ज लेने के साथ ही व्यवस्थाओं में कसावट लाने का काम शुरू कर दिया है। वही इसी कड़ी में उन्होंने ग्राम पंचायत सचिवों के विरूद्ध लंबित विभागीय जांच को लेकर जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को जांच के आदेशित किया है। वही 18 अगस्त तक समस्त लंबित विभागीय जांच प्रतिवेदन अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने कहा गया है। जिससे ग्राम पंचायत सचिवों में हडक़ंप मच गया है। जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप ने ग्राम पंचायत सचिवों के खिलाफ लंबित विभागीय जांच को पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कोरबा, करतला, कटघोरा, पाली व पोड़ी-उपरोड़ा मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आदेशित किया है। इस संबंध में जारी पत्र में कहा गया है कि पंचायत सचिवों के विरूद्ध संस्थित विभागीय जांच के तहत उनको जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। संस्थित विभागीय जांच आदेश के तहत तीन माह के भीतर विभागीय जांच पूर्ण करते हुए अभिमत सहित जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन मुख्य कार्यपालन अधिकारियों ने कई वर्षों से विभागीय जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया है। जिससे संबंधित कर्मचारी के संबंध में उचित कार्यवाही पर निर्णय नहीं लिया जा सका है। जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप ने अत्यंत खेदजनक बताया है। उन्होंने मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को समस्त लंबित विभागीय जांच प्रतिवेदन 18 अगस्त तक प्रस्तुत करने कहा है।
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उप संचालक और पूर्व सीईओ ने जानबूझकर लटकाया मामला
ग्राम पंचायत सचिवों के खिलाफ लंबित जांच वर्षों से पेंडिंग है। उप संचालक पंचायत सुश्री जूली तिर्की और तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ नूतन कुमार कंवर के द्वारा कई वर्षों से सचिवों के विभागीय जांच को लेकर रखा गया। उनके कार्यकाल में किसी भी पंचायत सचिव पर विभागीय जांच पूरी नहीं हुई। सूत्र बताते हैं कि विभागीय जांच को लटकाकर वे अनैतिक कार्य को संपादित करवा रहे थे। जैसे ही वर्तमान जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप को लंबित विभागीय जांच का पता चला तो उन्होंने इस पर संज्ञान लेते हुए तत्काल जांच पूर्ण करने आदेश दिया है। ऐसे में स्पष्ट है कि उप संचालक जिला पंचायत सुश्री जूली तिर्की और तत्कालीन सीईओ नूतन कुमार कंवर ने जानबूझकर इस ओर ध्यान नहीं दिया। जबकि विभागीय जांच की जिम्मेदारी पूर्ण कराना उप संचालक पंजायत जूली तिर्की का दायित्व था।लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और पेंडिंग मामलों के आंकड़े बढ़ते चले गए।
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इन सचिवों के खिलाफ हैं जांच पेंडिंग
जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप ने जो सूची अधिकारियों को पेंडिंग जांच की सौंपी है उसकी फेहरिस्त काफी लंबी है। लगभग 50 से अधिक पंचायत सचिवों के खिलाफ जांच कार्यवाही लंबित पड़ी हुई है। इनमें तत्कालीन ग्राम पंचायत लालपुर के सूरज जायसवाल, इंद्रपाल मरकाम रामपुर, श्यामलाल मिरी अखरापाली, चंद्रमोहन सिंह सिदार नकटीखार, विनोद कुमार राठिया लबेद, देवशंकर सिंह कंवर गोपालपुर, अमीर सिंह मरावी नानपुलाली, कृष्णकुमार तंवर देवपहरी, सुरेश कुमार राठिया गिरारी, सुकुल सिंह कारीमाटी, भंवर सिंह श्याम पसान, पत्थर सिंह मानिकपुर, कांशीराम पुटीपखदना, जगतपाल विंध्यराज नवापारा, श्यामसुंदर खुरसेंगा नुनेरा, भगवान सिंह कुटेसर नगोई, चंद्रिका प्रसाद पोर्ते अमझर, भागवत सिंह भांवर, सुधाकर सिंह कटोरी नगोई, उदय सिंह आयाम सिर्री, विनोद मिश्रा बांझीबन, कैलाश सिंह बनिया, भुजबल सिंह पतुरियाडांड, अशोक निषाद लालपुर, बाबू सिंह तानाखार, बलराम केरकेट्टा सेमरा, विरेन्द्र कुमार साहू कटोरी नगोई, कमल सिंह कंवर लबेद, परदेशी राम निषाद पसरखेद, गणेशराम बिंझवार उमरेली, सुरेश चंद्र सिंह कंवर धनगांव, कन्हैयालाल नेताम रेंकी, राजकुमार कश्यप चोढ़ा, जान सिंह राज पटपरा, रविशंकर जायसवाल तेलसरा, चंद्रिका प्रसाद कंवर रथखंडी, दिनेश सिंह तंवर, ममता सोनी, रामसिंह, रतन सिंह कंवर, विजय कुमार कंवर, प्रवीण कुमार, हिंगलाज सिंह, कृपाल सिंह, रामेश्वर सिंह, रामसेवक सिंह राठौर, चंद्रपाल सिंह मरावी, राकेश कुमार चुवन लमना, कौशल प्रसाद सिंह, मघन सिंह कंवर, अनिल कुमार कैवर्त, संतोष दीवान व ईश्वर धिरहे रजगामार शामिल है।