मई की तरह बिजली की डिमांड अगस्त में पहुंची 5800 मेगावॉट के पार, बारिश में ब्रेक और गर्मी बढऩे की वजह से बिजली की खपत बढ़ी
कोरबा। वैसे तो बिजली की डिमांड गर्मियों में ज्यादा होती है। मगर इस बार मई की तरह अगस्त में बिजली की डिमांड काफी बढ़ गई है। एक तरफ गर्मी दूसरी ओर सिंचाई के लिए इस्तेमाल ने बिजली की डिमांड में बेतहाशा वृद्धि की है।प्रदेश में बिजली की डिमांड 5700 मेगावाट को पार करके 5800 मेगावाट के करीब जा पहुंची। जबकि अप्रेल-मई में अधिकतम डिमांड 5878 मेगावाट गई थी। बारिश में ब्रेक और गर्मी बढऩे की वजह से बिजली की खपत पिछले एक सप्ताह से बढ़ गई है। जुलाई के आखिरी सप्ताह में बारिश की वजह से बिजली की डिमांड 3600 मेगावाट तक जा पहुंची थी। इसके बाद से बारिश पर ब्रेक लगा हुआ है। यही वजह है कि बीते एक सप्ताह से प्रतिदिन बिजली की अधिकतम खपत पांच हजार मेगावाट से अधिक हो रही थी। बीते तीन दिन से यह 5500 मेगावाट को पार करके क्रमश: 5570, 5669 और अब बढक़र 5700 मेगावाट को पार कर गया। बुधवार को अधिकतम डिमांड 5764 मेगावाट तक दर्ज की गई थी। यह डिमांड दोपहर 1 बजे से चार बजे के बीच है।हालांकि इसके बाद डिमांड में आंशिक कमी जरुर देखी गई, लेकिन इसके बाद फिर से डिमांड लगातार 5400-5500 मेगावाट के बीच रही। गौरतलब है कि डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अनुमान लगाया था कि प्रदेश का पीक अप्रेल-मई में गुजर चुका है।जून के बाद से रूक-रूक कर भी बारिश हुई तो डिमांड 5500 मेगावाट के अधिक नहीं जाएगा, लेकिन इस बार बारिश पर जिस तरह से लंबे अंतराल तक ब्रेक लगने का सिलसिला बना हुआ इससे डिमांड बढक़र उच्चतम स्तर के करीब जा पहुंची है। डिमांड बढऩे से ओवरड्राल की भी स्थिति बनी हुई है। सेंट्रल सेक्टर से बिजली की डिमांड एक दिन पहले की जा चुकी होती है, अचानक डिमांड बढऩे पर सौ फीसदी आपूर्ति के लिए ओवरड्राल(अतिरिक्त बिजली) खरीदनी पड़ती है। 12 अगस्त से लेकर 16 अगस्त तक करीब 1800 मेगावाट बिजली ओवरड्राल करनी पड़ी है।