रक्षाबंधन पर बन रहा सर्वार्थ सिद्धि और सौभाग्य योग का विशेष संयोग, पर्व को लेकर भाई और बहनों में खासा उत्साह
कोरबा। भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व नौ अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और सौभाग्य योग का विशेष संयोग बन रहा है, जो अत्यंत शुभ और फलयादी बना रहा है। पर्व को लेकर भाई और बहनों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। सावन माह की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है। पूर्णिमा तिथि आठ अगस्त से 2.12 बजे शुरू होगी, नौ अगस्त की दोपहर 1.52 बजे समाप्त होगी। ज्योतिषाचार्य के अनुसार रक्षाबंधन पर्व उदयातिथि के अनुसार मनाया जाता है। इस कारण रक्षाबंधन पर्व नौ अगस्त को मनाया जाएगा। शुभ मुहूर्त सूर्योदय के साथ ही सुबह 5.47 बजे से प्रारंभ हो जाएगा, जो पूर्णिमा तिथि समाप्त होने तक जारी रहेगी। इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि और सौभाग्य योग का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान नारायण की विशेष आराधना की जाएगी। बहन अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाएंगी और कलाई में रक्षासूत्र बांधकर आरती कर दीर्घायु की कामना करेंगी। वहीं भाई अपने बहनों को रक्षा का वचन देंगे। इस बार भद्रा का साया नहीं रहेगी। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि उदयातिथि के अनुसार रक्षाबंधन पर्व नौ अगस्त को मनाया जाएगा, इस दिन कई योगों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। यह लोगों के लिए विशेष फलदायी होगा।ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अक्सर पूर्णिमा पर भद्रा का प्रभाव रहता है। इससे पर्व में विलंब होता है। इस वर्ष रक्षाबंधन से एक दिन पहले ही भद्रा का प्रभाव समाप्त हो जाएगा। पर्व निर्विघ्न रूप से मनाया जा सकेगा। भद्रा का प्रभाव आठ अगस्त को पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होने के साथ रहेगा, जो आठ और नौ अगस्त की मध्य रात्रि 1.24 बजे तक रहेगा। नौ अगस्त को लगभग सात घंटे बहने अपने भाई की कलाई में रेशम के धागे बांध सकेंगे।