Monday, June 2, 2025

स्वास्थ्य कर्मियों ने शुरू किया आंदोलन, व्यवस्था पर असर, वेतन विसंगति दूर करने सहित पांच सूत्रीय मांग

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स्वास्थ्य कर्मियों ने शुरू किया आंदोलन, व्यवस्था पर असर, वेतन विसंगति दूर करने सहित पांच सूत्रीय मांग

कोरबा। चुनाव की निकटता को देखते हुए विभिन्न सरकारी विभागों में हड़ताल प्रदर्शन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। माह भर पहले स्वास्थ्य कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले कर्मचारियों ने भी हड़ताल किया था। अब स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के तत्वावधान में जिले भर के सरकारी अस्तालों में पदस्थ कर्मचारियों ने शहर के तानसेन चौक में हल्ला बोल हड़ताल प्रदर्शन शुरू कर दिया है। हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के अलावा परीविक्षा अवधि के डाक्टर भी शामिल हैं। वेतन विसंगति दूर करने सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारियों अनुपस्थिति से जिला मेडिकल अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा चरमरा गई है।
स्वास्थ्य सेवाओं जैसे ही सुधार आ रही थी कि अब स्वास्थ्य संयोजक के तत्वावधान में कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि वेतन विसंगति दूर करने का वादा सरकार ने किया था वह अभी तक पूरा नहीं किया है। ऐसे में कर्मचारियों असंतोष व्याप्त है। पांच सूत्रीय मांगों के बारे में उन्होने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक एवं नर्सिंग संवर्ग के वेतन विसंगति को दूर किया जाए। वर्ष 2018 में प्राइवेट प्रेक्टिस न करने की एफिडेविड दिए जाने के बाद भी डाक्टरों एनपीए लाभ अभी तक नहीं दिया गया है, डाक्टरों को इसका लाभ दिया जाए। कोरोना काल में जान में खेलकर जिन कर्मचारियों ने दिन रात अपनी सेवा दी है, उन्हे कोरोना भत्ते का भुगतान किया। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी शनिवार व रविवार को भी अपनी सेवाएं देते हैं, इस आशय से उन्हे अतिरिक्त कार्य दिवस का भुगतान किया जाएगा। स्वास्थ्य संबंधी सरकारी योजनाओं में वृद्धि की जा रही है। ऐसे में कर्मचारियों पर कार्य बोझ बढ़ रहा हैं। प्रदर्शन स्थल पर कर्मचारियों ने संबोधन देकर अपनी मांगें दोहराई। हमारी संगठन शक्ति ही हमें अधिकार दिलाने में सहयोगी साबित होगा। सबको इस मंच में शामिल होकर हमारी एकता की शक्ति को दर्शाना होगा। प्रदर्शन स्थल में महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने भी अपनी बात रखी।
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हड़ताल से मरीज हुए हलकान
हड़ताल का असर शहरी क्षेत्र के अस्पतालों के अलावा उपनगरीय व ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में भी रहा है। नियिमत इलाज के लिए पहुंचे कर्मचारियों को लैब, एक्स-रे, इसीजी आदि की सुविधाओं के लिए हलकान होना पड़ा। रानी धनराज कुंवर अस्पताल में नर्सिंग स्टाप की कमी के कारण महिला व पुरूष वार्ड दाखिल मरीजों के स्वजन दिन भर हलकान रहे। हड़ताल की पूर्व सूचना के बाद भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने से आने वाले दिनों में समस्या होगी।

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