अगले सत्र से सीबीएसई के विद्यार्थियों के लिए साइबर सुरक्षा की पढ़ाई होगी जरूरी, राष्ट्रीय सम्मेलन में आगामी शैक्षणिक वर्ष की बनी कार्ययोजना
कोरबा। सीबीएसई का उद्देश्य छात्रों की शारीरिक, भावनात्मक, सामाजिक और बौद्धिक भलाई के लिए अधिगम को सुगम करना है। सीबीएसई ने एक मजबूत, जीवंत और समग्र स्कूली शिक्षा में और बढ़ोत्तरी को लेकर कार्ययोजना तैयार की है। बोर्ड ने अपने शिक्षार्थियों के बीच बौद्धिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवंतता को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। कोलकाता में 30 वें सीबीएसई राष्ट्रीय सम्मेलन में आगामी शैक्षणिक वर्षों के लिए कई महत्वपूर्ण अपडेट और की जाने वाली पहल पर प्रकाश डाला गया। सम्मेलन में शामिल इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के प्राचार्य डॉ संजय गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन में विद्यार्थियों व अभिभावकों दोनों को ही ध्यान में रखते हुए कई विशेष निर्णय लिए गए। सीबीएसई समय समय पर कई विशेष निर्णय विद्यार्थियों के हित में लेती है। जिससे हम सभी को अपडेट रहना अति आवश्यक है। ऐसे ही कुछ विशेष व आवश्यक निर्णय आयोजित सम्मेलन में लिया गया, जो निश्चित तौर पर विद्यार्थियों एवं अभिभावकों तथा विद्यालयों के साथ एक बेहतर सामंजस्य स्थापित करने में मददगार होगा। सम्मेलन में स्कूल असेसमेंट फॉर एडवांसिंग लर्निंग को लेकर निर्णय लिया गया। यह मूल्यांकन ढांचा सभी सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों के लिए शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से अनिवार्य होगा, ताकि छात्रों के सीखने के परिणामों को बढ़ाया जा सके। स्कूल गुणवत्ता मूल्यांकन और मान्यता ढांचा सीबीएसई स्कूलों में उच्च गुणवत्ता वाली प्रथाओं के सत्यापन और कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा। विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के दो स्तर होंगे। सीबीएसई ने कक्षा नवमी और दसवीं में विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए प्रश्नपत्रों के दो स्तरों को पेश करने की योजना बनाई है, जो गणित में मौजूदा दो स्तरों के समान हैं, जो विभिन्न छात्र दक्षताओं को पूरा करते हैं। स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बन जाएगी। पेशेवर विकास और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए शिक्षक मूल्यांकन और स्व-मूल्यांकन के लिए एक विशेष प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सीबीएसई स्कूलों में फाउंडेशन स्टेज और माध्यमिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा का 100 फ़ीसदी रोलआउट होगा। मानसिक स्वास्थ्य और साइबर सुरक्षा पर ध्यान दिया जाएगा। छात्रों की भलाई और सुरक्षा को संबोधित करने के लिए स्कूल मानसिक स्वास्थ्य और साइबर सुरक्षा शिक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। छात्रों के बीच पर्यावरण चेतना को बढ़ावा देने के लिए पाठ्यक्रम में व्यावहारिक अनुभव और गतिविधियाँ शामिल की जाएगी।