अधिग्रहित व बचे शेष भूमि पर फिर काबिज होंगे भू विस्थापित,आंदोलन के बाद भी भू-विस्थापितों की सुध नहीं ले रहा एनटीपीसी
कोरबा। एनटीपीसी के खिलाफ भू-विस्थापितों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल 22 अप्रैल से शुरु की थी। 93 दिनों तक किये गये आंदोलन व 24 जुलाई को एनटीपीसी गेट पर नौकरी, बचे जमीन की क्षतिपूर्ति मुआवजा को लेकर सांकेतिक धरना प्रदर्शन पर आश्वासन दिये जाने के बाद भी मांग पूरी नहीं होने से आक्रोश भड़क उठा है। किसी प्रकार से नौकरी व मुआवजा, नौकरी का नियुक्ति पत्र नहीं प्रदान किये जाने पर 5 अगस्त से एनटीपीसी के द्वारा अधिग्रहित एवं बचे शेष भूमि को पुनः अपने तथा अपने परिवार के जीवकोपार्जन एवं भरण-पोषण हेतु काबिज कर आंदोलन करेगें। मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखेंगे । ग्राम चारपारा व कपाटमुड़ा से नौ भू-विस्थापित व अन्य भू-विस्थापितों के द्वारा राजन कुमार पटेल,गणेश कुमार केंवट,घसियाराम केंवट,सूरज कुमार केंवट,रामायण प्रसाद केंवट,मथुरा राम केंवट,दयालिक विश्वकर्मा,शुभम् केंवट व कपाटमुड़ा के भू-विस्थापित कैलाश पटेल के द्वारा उग्र आंदोलन व सांकेतिक प्रदर्शन किया गया था। जिसमें एनटीपीसी टाउनशिप में एडीसी में 05 भू-विस्थापितों के बीच दर्री तहसीलदार के द्वारा व एनटीपीसी प्रबंधन के द्वारा बैठक कराकर मौखिक रुप से आश्वासन दिया गया था। उसमें भू-विस्थापितों को आश्वासन देने के बाद भी गुमराह किया जा रहा है। दर्री तहसीलदार व एनटीपीसी प्रबंधन के द्वारा लिखित में नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा है और राज्यपाल के आदेशों का पालन भी नहीं किया जा रहा है। जिसमें बिना लिखित पत्र के ट्रेनिंग के लिए सीपेट भेजा जा रहा है जो कि कोई मान्य नहीं है । एनटीपीसी प्रबंधक व दर्री तहसीलदार के द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा है । दर्री तहसीलदार द्वारा बैठक में निर्णय लिया गया है कि नौ भू-विस्थापितों के लिए योग्यतानुसार रोजगार प्रदान किया जावेगा व बचे जमीन की क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि दिया जायेगा। जिसके बाद दूसरे दिन से गुमराह करना शुरू कर दिया गया । इसके पश्चात बचे शेष जमीन न्यायालय भू-अर्जन अधिकारी कोरबा द्वारा 10 प्रकरण का मुआवजा नहीं दिया गया है ।