अब नकली खाद की टेंशन नहीं, किसान खुद कर सकेंगे पहचान, असली और नकली खाद की पहचान करना जरूरी
कोरबा। जिले में अच्छी पैदावार लेने के लिए किसान डीएपी, यूरिया आदि उर्वरक का उपयोग करते है। निर्धारित मात्रा से अधिक इस्तेमाल करने के बाद भी अपेक्षा के अनुरूप पैदावार नहीं मिलती। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण नकली खाद होता है। आज के इस मिलावटखोरी के दौर में किसान इसके चक्कर में अक्सर पड़ जाते है। पूरी कीमत देकर नकली खाद को अपनी फसल में डालते है। इसके कारण सही परिणाम नही मिल पाता ऐसे में किसानों को असली और नकली खाद की पहचान करना जरूरी होता है। किसानों के हित में कृषि विभाग द्वारा घर बैठे असली और नकली खाद की पहचान के तरीके बताए जिसका प्रयोग करके किसान नकली खाद के उपयोग से बच सकेंगे। खरीफ सीजन के पहले शासन प्रशासन किसानों के लिए रासायनिक खाद की पर्याप्त भण्डारण की तैयारी में है। बारिश होने के बाद अचानक खाद की मांग बढऩे से किसानों को एक साथ खाद की आपूर्ति नहीं हो पाती है। ऐसे में किसान बाजार से खाद खरीदते है। खास बात यह है कि खाद की बढ़ती मांग का फायदा मिलावट करने वाले भी उठाते है और किसानों से असली खाद की कीमत पर नकली खाद थमा देते है। इससे किसानों को चौतरफा नुकसान उठाना पड़ता है। नकली खाद के उपयोग से फसल उत्पादन प्रभावित होता है, परेशानी और अधिक खर्च होता है, वो अलग। इसको ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग द्वारा किसानों को असली और नकली खाद की पहचान करने का आसान तरीका बताया गया है। इस पहल से किसान घर बैठे चंद मिनटो में यह पता लगा सकेंगे कि कौन सी खाद असली और कौन सी खाद नकली है। ध्यान रखे कि गर्म करने पर डीएपी व अन्य काम्प्लेक्स के दाने फूल जाते है जबकि सुपर फास्फेट के नहीं है। इस प्रकार इसकी मिलावट की पहचान आसानी से की जा सकती है।
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ऐसे करें रासायनिक खाद की पहचान
डीएपी -इसके कुछ दानों को हाथ में लेकर तंबाकू की तरह उसमें चूना मिलाकर मलें। अगर उसमें से तेज गंध निकले जिसे सूंघना मुश्किल हो जाए तो समझें कि ये डीएपी असली है। एक दूसरी विधि भी है। डीएपी के कुछ दाने धीमी आंच पर तवे पर गर्म करें, यदि ये दाने फुल जाते है तो समझ ले यही असली डीएपी है। नाखूनों से तोडऩे पर यह आसानी से नहीं टूटेगा।
यूरिया- असली यूरिया घुलनसील होता है। इसके घोल को छूने पर ठंडा महसूस होता है। उधर नकली यूरिया खाद के दानों को तवे पर गर्म करके देखेंए यदि इसके दानें पिघलें नही तो समझ लीजिए, यह यूरिया खाद नकली है। सुपर फास्फेट- इसके कुछ दानों को तवा में गर्म करे अगर ये नहीं फुलते है तो समझ ले यही असली सुपर फास्फेट है। सुपर फास्फेट नाखूनों से न टूटने वाला उर्वरक है। पोटाश- नकली पोटाश की पहचान के लिए उसके दानों पर पानी की कुछ बूंदे डालने के बाद ये आपस में चिपक जाएं तो समझ ले कि ये नकली पोटाश है। पोटाश पानी में घुलने पर इसका लाल भाग पानी में तैरता रहता है। जिंक सल्फेट-अगर जिंक सल्फेट के घोल में पतली कास्टिक का घोल मिलाने पर सफेद मटमैला मांड जैसा अवशेष बनता है। अगर इसमें गाड़ा कास्टिक का घोल मिला दे तो वे अवशेष पूरी तरह से घुल जाती है।