Saturday, March 15, 2025

ईएसआईसी अस्पताल साबित हो रहा सफेद हाथी,100 बिस्तर अस्पताल साबित हो रहा रेफरल सेंटर

Must Read

ईएसआईसी अस्पताल साबित हो रहा सफेद हाथी,100 बिस्तर अस्पताल साबित हो रहा रेफरल सेंटर

कोरबा। कर्मचारियों के लिए बनाया गया अस्पताल डॉक्टर और मरीजों की राह तक रहा है। अस्पताल में सुविधा नहीं है लिहाजा यह अस्पताल सफेद हाथी ही साबित हो रहा है।मजदूरों के इलाज के लिए 56 करोड़ की लागत से 100 बिस्तरों का ईएसआईसी अस्पताल बनाया गया। हॉस्पिटल डिंगापुर में है, लेकिन आज तक इस अस्पताल में मजदूरों के लिए इलाज संभव नहीं हो सका है।
इस अस्पताल का भूमिपूजन दो अलग-अलग सांसदों ने किया। यूपीए-2 के समय केंद्रीय राज्यमंत्री और कोरबा सांसद डॉ चरणदास महंत ने भूमिपूजन किया। इसके बाद पूर्व बीजेपी सांसद स्व बंशीलाल महतो ने इस अस्पताल का भूमिपूजन किया था। अस्पताल बनकर तैयार होने के बाद सितंबर 2019 में इसे मिनिस्ट्री आफ लेबर एंड एंप्लॉयमेंट, भारत सरकार के अधीन संचालित एम्पलाइज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन को सौंपा गया। अस्पताल मिलने के बाद आज चार साल बीत गए हैं, लेकिन आज भी ये अस्पताल डॉक्टर और मरीजों की राह देख रहा है। आज भी मजदूरों को इस अस्पताल में बेहतर इलाज का इंतजार है यह अस्पताल सिर्फ और सिर्फ अपनी आलीशान बिल्डिंग और मरीजों को यहां से रेफर करने के लिए जाना जाता है। मजदूर को कैशलेस स्कीम के तहत ठोस और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं वाला इलाज मिलने का सपना अब भी अधूरा है अस्पताल से सिर्फ मजदूरों को रेफर किया जा रहा है। ईएसआईसी के 100 बेड अस्पताल में एडमिनिस्ट्रेशन लेवल पर मेडिकल सुपरिंटेंडेंट(एमएस), असिस्टेंट मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, डिप्टी डायरेक्टर सहित उच्च स्तर के लिए कल 28 पद स्वीकृत हैं। 50 बेड में ये संख्या 18 है। कोरबा में एमएस के साथ ही असिस्टेंट डायरेक्टर और कुछ ही पदों पर अफसर नियुक्त किए गए हैं इसी तरह स्पेशलिस्ट चिकित्सकों के 14 रेगुलर और 5 कांट्रैक्ट बेसिस के पद स्वीकृत किए गए हैं। 50 बेड अस्पताल में कोरबा के लिए 8 रेगुलर और पांच कॉन्ट्रैक्ट स्पेशलिस्ट चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। एनेस्थीसिया, चेस्ट(पलमोनरी) डेंटल, डर्मेटोलॉजी, ईएनटी, जनरल मेडिसिन, आई, जनरल सर्जरी, ओबेसिटी एंड गाइनेकोलॉजिस्ट, ऑर्थोपेडिक्स, पीडियाट्रिक्स, पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी स्तर के डॉक्टर्स के पद स्वीकृत हैं। इसी तरह जनरल ड्यूटी और मेडिकल ऑपरेशंस के लिए डॉक्टरों के 38 पद स्वीकृत हैं। 50 बेड अस्पताल के लिए यह संख्या 26 है। ईएसआईसी के हंड्रेड बेड अस्पताल में स्टाफ नर्स नर्सिंग सिस्टर एएनएम सहित गैर मेडिकल स्टाफ को मिलाकर 185 पद स्वीकृत किए गए हैं। फिलहाल 50 बेड अस्पताल के हिसाब से कोरबा के लिए इस कैटेगरी में भी 112 पद स्वीकृत है। पैरामेडिकल स्टाफ कैटेगरी में भी डाइटिशियन, रेडियोग्राफर, जूनियर रेडियोग्राफर, फार्मासिस्ट, ड्रेसर सहित 18 प्रकार के अलग-अलग पदों पर कुल 50 मेडिकल स्टाफ के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनके विरुद्ध भी भर्ती नहीं की गई है। लगभग सभी पद खाली हैं। ईएसआईसी बीमित व्यक्ति को कैशलेस सुविधा मिलती है। लेकिन यदि स्वयं की सुविधा नहीं है तो बीमित व्यक्ति को रेफरल की सुविधा मिलती है। कोरबा जिले में भी तीन बड़े निजी अस्पतालों से ईएसआईसी का अनुबंध है। इसके लिए ईएसआईसी के अधिकारी इसका कंसेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर्स से लेते हैं, लेकिन इस कंसर्न को लेने के लिए मरीज या परिजन पहले मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल जाते हैं। फिर उसे वापस लेकर ईएसआईसी के अफसरों के पास आते हैं। इसके बाद मरीजों को किसी दूसरे हायर सेंटर में रेफर किया जाता है। यह प्रक्रिया बेहद जटिल होने के कारण कई मरीज बीच में ही निजी हॉस्पिटल का रुख कर लेते हैं।क्योंकि कई बार इमरजेंसी में रेफरल सिस्टम काम नहीं आती।

Loading

Latest News

वनोपज सहकारी यूनियन ने जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन का किया स्वागत

वनोपज सहकारी यूनियन ने जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन का किया स्वागत कोरबा। जिला पंचायत सदस्य के रूप में ऐतिहासिक...

More Articles Like This