Monday, March 17, 2025

एचटीपीपी में लगी भीषण आग, दो इंटर कनेक्टिंग ट्रांसफार्मर जलकर राख, प्लांट की तीन इकाइयों से बिजली उत्पादन रहा ठप, दो इकाई अभी भी उत्पादन से बाहर

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एचटीपीपी में लगी भीषण आग, दो इंटर कनेक्टिंग ट्रांसफार्मर जलकर राख, प्लांट की तीन इकाइयों से बिजली उत्पादन रहा ठप, दो इकाई अभी भी उत्पादन से बाहर

 

कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के दर्री पश्चिम स्थित हसदेव ताप विद्युत गृह (एचटीपीपी) के स्वीच यार्ड में शुक्रवार की दोपहर भीषण आग लग गई। आग स्वीच यार्ड के इंटर कनेटिक्ंग ट्रांसफार्मर में लगी थी, जो देखते ही देखते पूरे यार्ड में फैल गई। आग पर काबू पाने दमकल कर्मियों को मशक्कत करनी पड़ी। घटना के बाद जहां संयंत्र परिसर में हडक़ंप की स्थिति निर्मित हो गई, वहीं संयंत्र के तीन इकाइयों से बिजली उत्पादन ठप हो गया। आग लगने के कारणों की पड़ताल की जा रही है। आग लगने से करोड़ों के नुकसान का अनुमान है।एचटीपीपी संयंत्र में 210-210 मेगावाट की चार और 500 मेगावाट की एक इकाई से कुल 1340 मेगावाट बिजली उत्पादन होता है। शुक्रवार की दोपहर अचानक संयंत्र परिसर में स्थित स्वीच यार्ड के इंटर कनेटिक्ंग ट्रांसफार्मर में आग लग गई। इसके कारण संयंत्र के इकाई क्रमांक 3, 4 व 5 उत्पादन से बाहर हो गई। इससे 920 मेगावाट बिजली का उत्पादन प्रभावित हो गया। इंटर कनेटिक्ंग ट्रांसफार्मर में लगी आग आसपास फैल गई और दूसरे ट्रांसफार्मर व उपकरणों को भी अपनी चपेट में ले लिया। आग इतनी भीषण थी कि इससे उठ रहा काला धुआं कई किलोमीटर तक नजर आ रहा था। बताया जा रहा है जिस इंटर कनेटिक्ंग ट्रांसफार्मर में आग लगी थी वह इकाई क्रमांक 3, 4 व 5 तीनों से जुड़ा हुआ था। 220-400 केवी के बीच लाइन में यह लगा हुआ था। आग कैसे लगी इसकी विवेचना की जा रही है। आग लगने से ट्रांसफार्मर और पार्ट्स जल गए हैं। जिससे करोड़ों के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। जिसके बाद संयंत्र की बंद इकाइयों को उत्पादन में लाने की कवायद शुरू की गई। स्वीच यार्ड में लगी आग पर काबू पाने के बाद बंद इकाइयों को लाइटअप करने का काम शुरू किया गया। जिसमें 210 मेगावाट की इकाई क्रमांक 3 उत्पादन में लौट आई थी। जिससे लगभग 160 मेगावाट तक बिजली का उत्पादन हो रहा था। 210 मेगावाट की इकाई क्रमांक 4 और 500 मेगावाट की इकाई क्रमांक 5 से उत्पादन नहीं हो रहा था। संयंत्र के मुख्य अभियंता प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया कि एक यूनिट को शनिवार रात तक उत्पादन में ले लिया जाएगा। इकाई क्रमांक 5 तकनीकी कारण से बंद है, जिसे भी जल्द ही उत्पादन में लाया जाएगा। बहरहाल संयंत्र से 710 मेगावाट बिजली नहीं बन रही थी।
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एक ट्रांसफार्मर बदला था दूसरे को थी बदलने की तैयारी
एचटीपीपी की इकाइयों को पूर्व में बंद करने की योजना थी। जिसमें आवश्यक सुधार कर उत्पादन की मियाद आगे बढ़ाई गई थी। प्रदेश में बढ़ रही बिजली जरूरतों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि संयंत्र के इंटर कनेटिक्ंग ट्रांसफार्मर काफी पुराने थे। एक अधिकारी ने बताया कि एक ट्रांसफार्मर को बदलकर नया लगाया गया था। एक को बदलने की प्रक्रिया की जा रही थी। इसके लिए ट्रांसफार्मर भी लाया गया है। प्लांट में लगी आग से दो ट्रांसफार्मर जल गए हैं। जिसके रिप्लेसमेंट का काम शुरू कर दिया गया है। स्वीच यार्ड में तीन इंटर कनेटिक्ंग ट्रांसफार्मर रहते हैं। स्वीच यार्ड में लगे दो इंटर कनेटिक्ंग ट्रांसफार्मर आग की चपेट में आ गए हैं। जिनके रिप्लेसमेंट का काम अनुभवी टीम द्वारा किया जा रहा है। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि 20 दिन में रिप्लेसमेंट का काम पूरा कर लिया जाएगा। इससे संयंत्र के बिजली उत्पादन में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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ओवरहिटिंग हो सकती है वजह
जानकारों की माने तो इंटर कनेटिक्ंग ट्रांसफार्मर के रखरखाव में लापरवाही की वजह से आग लगने की घटना होती है। आग लगने का कारण संभवत: ओवरहिटिंग को सकता है। इंटर कनेटिक्ंग ट्रांसफार्मर अधिक गर्म हो जाता है थर्मलस्केनिंग के जरिए इसका पता लगाया जाता है। ओवरहिटिंग से बचाने के उपाय करने में प्रबंधन की इसमें असफलता कही जा रही है। जानकारों की माने तो इंटर कनेटिक्ंग ट्रांसफार्मर 10 करोड़ रुपए से अधिक का होता है।

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