एसईसीएल के अधिकारी-कर्मचारियों के बीच बढ़ी तनातनी, अधिकारियों के संगठन का किया गया बॉयकॉट
कोरबा। कोयला कर्मियों के नया वेतन समझौते के मामले में याचिका लगाने के बाद से अधिकारी-कर्मचारी आमने-सामने हो गए हैं।एसईसीएल की उन बैठकों में 5 ट्रेड यूनियनों के श्रमिक नेताओं की मौजूदगी नहीं रहेगी, जिसमें कोयला अधिकारियों के संगठन के प्रतिनिधि शामिल होंगे। अब 3 अक्टूबर को जबलपुर हाईकोर्ट में दायर रिट याचिका की सुनवाई पर भी श्रमिक नेताओं व कोल अफसरों की नजरें टिकी रहेगी।एसईसीएल समेत कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों में कोयला कर्मियों के नए कोल वेज एग्रीमेंट को लागू कर दिया गया है। अगस्त का वेतन भी नए वेतनमान से भुगतान हुआ है। इस सबके बीच अफसरों के संगठन से जुड़े कोयला अधिकारियों ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कोयला कर्मियों के वेतन समझौते में डीपीई की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाना बताते हुए रोक लगाने की मांग की। जब अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई हुई और डीपीई के गाइडलाइन के उल्लंघन की जानकारी देने लोक उद्यम विभाग से जानकारी मांगी गई है तो इस मुद्दे पर कोल अधिकारी व कर्मचारी आमने-सामने हो गए हैं। अब 5 ट्रेड यूनियनों की बैठक में यह निर्णय लिया है कि उनके श्रमिक संगठन के प्रतिनिधि एसईसीएल के किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे, जिसमें अधिकारी वर्ग के प्रतिनिधि मौजूद होंगे। इसकी जानकारी भी ट्रेड यूनियनों ने एसईसीएल के कार्मिक निदेशक को दे दी है। पत्र में एचएमएस प्रमुख नाथूलाल पांडेय, बीएमएस के मजरूल हक अंसारी, एटक के हरिद्वार सिंह, इंटक के गोपालनारायण सिंह व सीटू के वीएम मनोहर के हस्ताक्षर हैं।कोल इंडिया में हड़ताल टालने में जुटा प्रबंधन जुटा कोल इंडिया में हड़ताल टालने सीआईएल प्रबंधन जुटा हुआ है। श्रमिक संगठनों ने 12 अक्टूबर से तीन दिनी हड़ताल की घोषणा की है। श्रमिक नेताओं की मानें तो वेतन समझौते के मामले में जो रिट याचिका दायर की गई है, उस पर 3 अक्टूबर को सुनवाई में कोल इंडिया प्रबंधन मजबूती के साथ पक्ष रखने का भरोसा दिलाया है। कोयला कर्मियों के हित में फैसला लिया गया है, यह वापस नहीं होने देंगे।