एसईसीएल डेली टारगेट से खोद रहा ज्यादा कोयला, बारिश नहीं होने से कोयला उत्पादन ने पकड़ी रफ्तार
कोरबा। सितंबर में भी एसईसीएल ने दमदार प्रदर्शन जारी रखा है। वैसे तो माह में बारिश के कारण कोयला उत्पादन पर असर पड़ता है। मगर इस बार बारिश की बेरूखी के कारण कोयला उत्पादन ने रफ्तार पकड़ी है। डेली टारगेट से कहीं अ धिक कोयला खनन किया जा रहा है। दैनिक लक्ष्य से औसतन लगभग 28 लाख टन अधिक कोयला का उत्पादन किया जा रहा है।
एसईसीएल को सालाना 197 मिलियन टन कोयला उत्पादन का टारगेट दिया गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने कंपनी हर माह का अपना टारगेट सेट करती है। वर्षा ऋतु के दौरान अन्य माह के अपेक्षा कम टारगेट रखा जाता है, क्योंकि बारिश के दौरान कोयला खदानों से उत्पादन में कई तरह की बाधाएं आती हैं। जिसे देखते हुए सितंबर में भी अन्य माह की अपेक्षा कम टारगेट तय किया गया है। सितंबर में 11.38 मिलियन टन टारगेट दिया गया है। इस टारगेट को पूरा करने हर दिन 3 लाख 79 हजार टन कोयला का उत्पादन करना है। इसके मुकाबले खदानों से लगभग 4 लाख 9 हजार टन तक कोयला उत्पादन किया जा रहा है। यही वजह है कि एसईसीएल ने सितंबर के 11 दिनों में बेहतर प्रदर्शन किया है। 11 दिन में उक्त टारगेट के तहत 4.17 मिलियन टन उत्पादन किया जाना था । वर्षा ऋतु के बाद भी इस टारगेट से बढ़कर 4.32 मिलियन टन कोयला सितंबर में निकाला जा चुका है। इस बार बारिश अपेक्षाकृत कम हुई है इसकी वजह से जुलाई और अगस्त में भी उत्पादन रफ्तार में रही। सालाना टारगेट की बात करें तो एसईसीएल अब तक के 70 मिलियन टन के मुकाबले 70.96 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने में कामयाब रही है।
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डिस्पैच में पड़ा है पिछड़ना
एसईसीएल के कोयला उत्पादन ने जहां रफ्तार पकड़ी है तो दूसरी ओर डिस्पैच बढ़ाने का दबाव बना हुआ है। सितंबर में 14.40 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना है। इस लक्ष्य को पूरा करने रोजाना 4 लाख 80 हजार टन कोयला का डिस्पैच किया जाना है। इसके मुकाबले 11 सितंबर को 4 लाख 31 हजार टन के लगभग डिस्पैच किया गया। डेली टारगेट के मुकाबले लगभग 50 लाख टन कम डिस्पैच किया जा रहा है। यही वजह है कि माह के टारगेट से भी एसईसीएल पीछे चल रहा है। सालाना टारगेट 197 को पूरा करने 11 सितंबर तक 85 मिलियन टन उठाव होना था, लेकिन इस अवधि तक लगभग 78 मिलियन टन कोयला ही डिस्पैच किया जा सका था।