Friday, March 14, 2025

एसईसीएल ने किया 336 मिलियन क्यूबिक मीटर किया ओवरबर्डन उत्पादन, गत वर्ष की तुलना में 32.37 मिलियन क्यूबिक मीटर की बढ़ोत्तरी

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एसईसीएल ने किया 336 मिलियन क्यूबिक मीटर किया ओवरबर्डन उत्पादन, गत वर्ष की तुलना में 32.37 मिलियन क्यूबिक मीटर की बढ़ोत्तरी

कोरबा। वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में एसईसीएल ने कोयला उत्पादन बढ़ाने की कवायद तेज कर दी है। जिसे लेकर खदानों से मिट्टी खनन का काम तेजी से किया जा रहा है। इस प्रयास में एसईसीएल ने चालू वित्त वर्ष 202424-25 में ओबीआर 336 मिलियन क्यूबिक मीटर के आंकड़े को पार कर लिया है। इसके साथ ही कंपनी ने इस वित्त वर्ष का लक्ष्य 20 दिन पहले ही हासिल कर लिया है। इस वित्त वर्ष मे अपने इतिहास का सर्वाधिक ओबीआर का नया रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है। कोयला खदानों से उत्पादन बढ़ाने के लिए ओवर बर्डन हटाना एक जरूरी प्रक्रिया है। ओवर बर्डन जितना अधिक हटाकर फेस तैयार किया जाता है कोयला उत्पादन उतना अधिक होता है। प्रबंधन द्वारा कोयला उत्पादन बढ़ाने प्रयास किया जा रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में एसईसीएल ने 321 मिलियन क्यूबिक मीटर ओबीआर किया था, जोकि कंपनी की स्थापना के बाद से सर्वाधिक ओबीआर रहा था, लेकिन चालू वित्त-वर्ष कंपनी ने 20 दिन पहले ही लक्ष्य हासिल कर लिया है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में एसईसीएल ने 32.37 मिलियन क्यूबिक मीटर की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की है। कंपनी द्वारा ओबी हटाने में नयी तेज़ी लायी गयी है और औसतन 10-11 लाख क्यूबिक मीटर ओबी प्रतिदिन हटाया जा रहा है और इस वित्त वर्ष में कंपनी ओबीआर में अपने पुराने सभी आंकड़ों को पीछे छोड़ते हुए नए रिकॉर्ड की ओर अग्रसर है। रोजगार पुनर्वास और बसाहट को लेकर भू विस्थापित लगातार आंदोलन कर रहे हैं। जिसे लेकर कंपनी प्रबंधन ने रोजगार के पेंडिंग मामलों के निपटारे में विशेष जोर दिया है। एसईसीएल ने उत्पादन बढ़ाने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाई है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 कंपनी द्वारा 760 भू-स्वामियों को रोजगार प्रदान किया गया है, जोकि पिछले 10 वर्षों का सर्वाधिक आंकड़ा है। एसईसीएल द्वारा कोयला उत्पादन बढ़ाने पूरा जोर लगाया जा रहा है। खासकर मेगा परियोजनाओं से कोयला उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने की कवायद की जा रही है। इसके लिए मेगा प्रोजेक्ट्स में ओवरबर्डन हटाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल, ब्लास्ट-फ्री वर्टिकल रिपर तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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