कथक नृत्यांगना इशिता कश्यप कला संस्कृति सम्मान से हुई सम्मानित
कोरबा। भारत की संस्कृति और कला को संरक्षित रखने एवं विस्तार करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ की इस्पात नगरी भिलाई में विगत दिनों नृत्य धाम कला समिति के तत्वाधान में इंटरनेशनल कल्चरल हार्मनी देश राग का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के विभिन्न प्रांतो से आए कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। महोत्सव में कोरबा की होनहार कथक नृत्यांगना इशिता कश्यप के विशेष उपलब्धियो को देखते हुए उन्हें गेस्ट आर्टिस्ट के रूप में स्पेशल परफॉर्मेंस के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। जहां देश-विदेश से आए अनेक विद्वानों व गुरुजनों के बीच इशिता को कला संस्कृति सम्मान से नवाजा गया। इशिता ने अपनी प्रस्तुति में शिव वंदना एवं झपताल में रायगढ़ घराने के बोल बंदिशों के अलावा 200 चक्कर की विशेष प्रस्तुति दी। जिसे देखकर सभी मंत्रमुग्ध हो गए। ज्ञात हो कि इशिता कश्यप गुरु मोरध्वज वैष्णव के मार्गदर्शन में नृत्य की शिक्षा प्राप्त करते हुए सांस्कृतिक स्तोत्र व प्रशिक्षण केंद्र संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित नेशनल स्कॉलरशिप 2023 -24 (जूनियर वर्ग )में छत्तीसगढ़ की एकमात्र कथक नृत्यांगना के रूप में चुनी गई है। जिसके कारण इशिता को इस सम्मान के लिए चुना गया। इशिता महज 11 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही देश विदेश के अनेकों प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी कुशल प्रस्तुति दे चुकी है। छत्तीसगढ़ में कथक नृत्य के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुकी है। इशिता को हाल ही में अखिल भारतीय संस्कृतिक संघ पुणे में आयोजित भाव राग ताल में भी प्रथम स्थान हासिल करने पर आबू धाबी दुबई के लिए आमंत्रित किया गया है, जो आने वाले 7 से 10 नवंबर को आयोजित होगा। इशिता आगे चलकर शास्त्रीय नृत्य कथक में ही अपनी विशेष पहचान बनाना चाहती है। अपनी भारतीय संस्कृति कथक की उपयोगिता को देश विदेशों तक अवगत कराना चाहती है। माता अनिता कश्यप एवं पिता रघुनंदन कश्यप की होनहार पुत्री इशिता के इस उपलब्धि के लिए सभी ने शुभकामनाएं दी है।