कमाऊपुत कोरबा रेलवे स्टेशन की उपेक्षा, पानी के लिए यात्रियों को पड़ रहा भटकना
कोरबा। रेल्वे स्टेशन कोरबा में पानी के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं प्लेटफार्म नंबर दो में पानी आ रहा है, लेकिन इनमें से कुछ के नलों की टोटी गायब है। यह समस्या हर साल बनी रहती है। मौसम में बदलाव के साथ ग्रीष्म का मौसम दस्तक देने लगा है। सूर्य की किरणें तेज चूभने लगी है। इससे जिन नलों में पानी आ रहा है, वह तेज धूप की वजह से गरम हो जाएगा। यात्रियों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ेगा। पिछले कई साल से इसी तरह की अव्यवस्था बनी हुई है। यात्रियों व कर्मचारियों को स्टॉल से महंगे दाम पर पानी की बोतल खरीदना पड़ेगा।गर्मी ने दस्तक दे दी है। दिन का तापमान 34 डिग्री पार तक पहुंच गया है। गर्मी शुरू होने के साथ ही लोगों में पानी की मांग बढ़ गई है। इसके बाद भी रेलवे स्टेशन कोरबा में पेयजल को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक और दो-तीन में कई नल लगाए गए हैं। इसके बाद भी प्लेटफार्म नंबर एक, दो व तीन में अव्यवस्था का आलम है। एक नंबर प्लेटफार्म में मुख्य द्वार व पार्सल गोदाम के पास की नलों से ही पानी आ रहा है। इसके अलावा सभी नल सूखे पड़े हुए हैं।गर्मी के मौसम में शीतल पेयजल मिले इसके लिए स्टेशन में तीन वाटर कूलर लगाए गए हैं, इसमें भी दो वाटर कूलर बंद पड़े हुए हैं। ऐसे में गर्मी के मौसम में यात्रियों को गर्म पानी ही मिल पाएगा। इसे लेकर यात्रियो में नाराजगी है। स्टेशन के प्लेटफार्म में शीतल पेयजल नहीं मिलने से यात्रियों के साथ -साथ ही रेलवे कर्मचारी भी खासे परेशान होते हैं। इसे लेकर कर्मचारियों ने प्रबंधन को कई बार अवगत कराया है, लेकिन प्रबंधन समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। स्थिति नहीं सुधरी तो आने वाले दिनों में परेशानी और बढ़ जाएगी।वाटर एटीएम शुरू होने से लोगों को उम्मीद थी कि उचित दर पर शीतल पेयजल मिलेगा, लेकिन यात्रियों के उम्मीद पर पानी फिर गया। वाटर एटीएम जब शुरू हुई थी, तब बताया गया था कि यात्रियों को एक रुपए में 300 मिली और पांच रुपए में एक लीटर आरओ युक्त पानी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं बोतल के साथ आठ रुपए में एक लीटर पानी उपलब्ध कराने की बात कही गई थी। स्टॉल में निजी कंपनियों का पानी का 15 से 20 रुपए में बिक रही है।प्रबंधन ने यात्रियों को उचित मूल्य पर आरओ युक्त शीतल पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगभग चार साल पहले स्टेशन में वाटर एटीएम लगाया गया था, लेकिन वह इंस्टाल नहीं हो पाया। स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पर ढाई साल से धूल खाती रही। इसके बाद ठेका समाप्त होने की बात कहकर इसे हटा दिया गया।