करतला में सहकारी बैंक बनाने इस साल भी नहीं मिली स्वीकृति, किसानों को 30 से 50 किलोमीटर का फासला करना पड़ेगा तय
कोरबा। आकांक्षी जिला कोरबा के 7 समितियों के 5881 किसानों को इस साल भी उपार्जित धान को समर्थन मूल्य पर बेचने के बाद भुगतान के लिए 30 से 50 किलोमीटर तक की दौड़ लगानी पड़ेगी। जिला सहकारी बैंक द्वारा करतला में सहकारी बैंक बनाने के भेजे गए प्रस्ताव को आठवें साल भी स्वीकृति नहीं मिली है। जिससे किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण ,धान के भुगतान, बोनस से लेकर पीएम किसान सम्मान निधि लेने के लिए इन जिला सहकारी बैंक बरपाली एवं कोरबा का फासला तय करेंगे। बैंकों में भी हमेशा की तरह इन्हें भीड़ भाड़ में
अव्यवस्थाओं से दो चार होना पड़ेगा।
प्रदेश में 15 नवंबर से 31 जनवरी तक छत्तीसगढ़ शासन समर्थन मूल्य पर एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से धान खरीदी करने जा रही है। आकांक्षी जिला कोरबा में भी गत वर्ष धान बेचने वाले 44 हजार 427 किसानों में से अब तक 41 हजार 511 किसानों ने एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीयन कराकर समर्थन मूल्य पर शासन को धान बेचने की पात्रता हासिल कर ली है। जो 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से शासन को धान बेचेंगे, लेकिन सबसे बड़ी निराशा जिला सहकारी बैंक द्वारा किसान हित में करतला को नई शाखा(ब्रांच) बनाने आरबीआई को भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिलने से हुई है।दरअसल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की 6 शाखाएं कोरबा जिले में संचालित हैं। इनमें कोरबा, बरपाली, कटघोरा, हरदीबाजार, पाली एवं पोंडी उपरोड़ा शामिल हैं। खेतिहर क्षेत्र होने की वजह से बरपाली एवं कोरबा ब्रांच में ही सबसे ज्यादा किसान हैं। बात करें बरपाली की तो जिले के सबसे बड़े इस ब्रांच के 12 समितियों के अंतर्गत 13 हजार 400(ऋणी अऋणी )किसान हैं। इनमें करतला, रामपुर एवं नवापारा समिति भी शामिल है। जिनकी बरपाली से दूरी 30 से 50 किलोमीटर की हैं। वहाँ के 4 हजार 181 किसानों को केसीसी लोन (ऋण), धान का भुगतान, बोनस एवं पीएम किसान सम्मान निधि के लिए इस लंबे फासला को तय कर बरपाली ब्रांच की दौड़ लगानी पड़ती है। इसी तरह जिले के दूसरे बड़े सहकारी बैंक कोरबा के अधीन आने वाले 2 समितियों भैसमा एवं कोरकोमा के भी 1700 (ऋणी -अऋणी) किसानों को भी 30 किलोमीटर दूर कोरबा की दौड़ लगानी पड़ती है।धान खरीदी के पिक समय में दोनों ही ब्रांच में भीड़ की वजह से कई तरह की अव्यवस्थाओं से किसानों को दो चार होना पड़ता है। लिहाजा इन समितियों को जोडक़र करतला में नए ब्रांच बनाए जाने की मांग पिछले एक दशक से की जा रही है। पुनर्गठन के बाद 12 समितियों वाले करतला ब्लॉक में बरपाली एकमात्र ब्रांच है। जबकि यहाँ 13 हजार 400 पंजीकृत किसान हैं। इतने किसानों को व्यवस्थित ढंग से चारों योजनाओं की राशि एक साथ भुगतान कर पाना संभव नहीं है। हमेशा हंगामे भीड की स्थिति निर्मित रहती है। जिसे देखते हुए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कोरबा के नोडल अधिकारी एस के जोशी ने पहल पर 2018 में ही तत्कालीन कलेक्टर मो.कैसर अब्दुल हक ने करतला में भी बैंक की शाखा खोलने प्रस्ताव भेजा था। जिसे बैंक प्रबंधन ने अनदेखा कर दिया। एक बार फिर 2021 में तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू के कार्यकाल करतला में भी शाखा खोलने का प्रस्ताव भेजा गया था। ताकि करतला ,रामपुर ,नवापारा ,समितियों के 4 हजार 1
81 किसानों भैसमा कोरकोमा के 1700 कुल 5881 किसानों को 30 से 50 किलोमीटर की दूरी तय कर भुगतान के लिए बरपाली ब्रांच व कोरबा ब्रांच आने समय और धन बर्बाद न करना पड़े। लेकिन प्रस्ताव को आरबीआई ने आज पर्यन्त मंजूरी नहीं दी। इस साल भी गत माह हुए मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल होने आए उप मुख्यमंत्री तक से नोडल अधिकारी ने व्यक्तिगत तौर पर भी इस समस्या से अवगत कराया था। लेकिन अभी तक आशातीत परिणाम नहीं आए।
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सबसे बड़े ब्रांच बरपाली में 300 करोड़ का बैंकिग कार्य
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के कोरबा जिले का बरपाली ब्रांच सबसे बड़ा ब्रांच है। बरपाली शाखा के अंतर्गत 12 समितियों में 13 हजार 400 किसान हैं। जबकि अन्य किसी भी ब्रांच में 5 हजार से अधिक किसान नहीं हैं ।बरपाली ब्रांच में हर साल तकरीबन 300 करोड़ का बैंकिग कार्य होता है। यहां गत वर्ष 25 करोड़ 3 लाख रुपए का ऋण बंटा था। गत वर्ष समर्थन मूल्य पर बरपाली ब्रांच में ही 10 लाख 42 हजार क्विंटल की धान खरीदी हुई थी। जिसके लिए बोनस की राशि समेत 3100 प्रति क्विंटल की दर से 323 करोड़ 2 लाख रुपए का भुगतान 13 हजार 400 किसानों को किया गया था। इसके अलावा 20 करोड़ से अधिक पीएम किसान सम्मान निधि एवं राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत दिए जाने वाले बोनस का भी भुगतान हुआ था। यही वजह है इस ब्रांच पर तमाम योजनाओं के भुगतान के एवज में मिलने वाली कमीशन की राशि पर निगाह गड़ी रहती है।
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हर साल किसान करते हैं हंगामा
अमले की कमी से जूझ रहे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक बरपाली और कोरबा में पर्याप्त राशि नहीं मिलने से आक्रोशित किसान हर साल हंगामा मचाते रहे हैं। जिससे दहशत के बीच कर्मियों को काम करना पड़ता है। बोनस की पात्रता वाले किसानों के साथ साथ धान का भुगतान लेने वाले नए किसान भी हंगामा मचाते हैं। बैंक को पर्याप्त राशि नहीं मिलने पर गत वर्ष स्थिति बिगड़ गई थी।
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दिया गया है माइक्रो एटीएम कार्ड
किसानों को समिति स्तर पर ही भुगतान की सुविधा के लिए माइक्रो एटीएम कार्ड दिया गया है। प्रत्येक समिति में लगे माइक्रो एटीएम में 50 हजार तक के कैश की लिमिट तय की गई है। जिसमें किसान एक दिन में 10 हजार रुपए से अधिक की राशि नहीं निकाल सकते। एक तरफ किसान लिमिट बढ़ाए जाने की बात कहते हैं तो दूसरा वास्तविक पहलू यह है कि वास्तव में माइक्रो एटीएम का उपयोग किसान कर ही नहीं रहे। समिति ही हर साल थोड़ा बहुत ट्रांजेक्शन कर इसे क्रियाशील बनाए रखे हैं। किसानों की समस्या यह है कि उन्हें दूसरे बैंकों में खाता खुलवाने की छूट नहीं है। लिहाजा सवेरे से कतार में लगे रहते हैं। पर्याप्त कैश नहीं होने की वजह से अत्यावश्यक कार्य नहीं होने पर किसानों को एक दिन में 50 हजार से अधिक की राशि नहीं मिलती।
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करतला शाखा बनने से इन समितियों को मिलता लाभ
समिति -वर्तमान ब्रांच – किसान
1.करतला -बरपाली-1619
2.रामपुर-बरपाली- 1085
3.नवापारा-बरपाली-1477
4.भैसमा-कोरबा-950
5.कोरकोमा -कोरबा-750
कुल -5881