कोटपा एक्ट के तहत की जा रही कार्रवाई पर उठे सवाल, छोटे दुकानदारों पर सितम बड़ों पर करम
कोरबा। जिले में कोटपा एक्ट (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) के तहत कार्रवाई के नाम पर स्वास्थ्य विभाग केवल खानापूर्ति करता नजर आ रहा है। जबकि शहर में दर्जनों ऐसी दुकानें हैं, जहां खुलेआम बच्चों को नशा परोसा जा रहा है। लेकिन इन दुकानों पर कार्रवाई करने से अधिकारी कतराते हैं।विभाग की निष्क्रियता का आलम यह है कि महज छोटे दुकानदारों पर 200 रुपए की चालानी कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपाई जा रही है, वहीं बड़े दुकानदार और माफिया बेखौफ अपने धंधे को अंजाम दे रहे हैं। हालांकि, अफसरों का कहना है कि नियमों के तहत कार्रवाई की जा रही है। मंगलवार को कोरबा शहर में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम कोटपा एक्ट की कार्रवाई के लिए निकली थी। लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ दिखावे भर की साबित हुई। जब मीडिया ने अधिकारियों से कुछ तीखे सवाल पूछने चाहे, तो वे कमरे से मुंह छुपाते हुए निकल गए। पूरे अभियान के दौरान 10 दुकानदारों से 200 चालान वसूला गया।शहर के विभिन्न इलाकों में स्कूलों, कोचिंग सेंटरों और छात्रावासों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री खुलेआम हो रही है। इन दुकानों में अक्सर स्कूली बच्चे और किशोर ग्राहक के रूप में देखे जाते हैं। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम बनाई गई। नियम के तहत स्कूल कॉलेज से 100 मीटर की दूरी पर पान ठेला में गुटखा तंबाकू या फिर नशीला सामान बेचे जाने या फिर सार्वजनिक जगह पर धूम्रपान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।वहीं शहर में हुक्का बार कार्रवाई का अधिकार पुलिस और आबकारी विभाग का है।