खदान मे दूसरे दिन ब्लास्टिंग रुकी तो हरकत में आया प्रशासन, प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद ग्रामीणों ने लिया हड़ताल वापस
कोरबा। एसईसीएल की कोयला खदानों में हेवी ब्लास्टिंग को कम करने के लिए चल रहे आंदोलन को लेकर प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। दूसरे दिन जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद ग्रामीणों ने आंदोलन स्थगित किया। जिला प्रशासन ने प्रबंधन के साथ भूविस्थापितों की बैठक कर समस्या के समाधान का ठोस आश्वासन दिया और ग्रामीणों को ब्लास्टिंग स्थल से हटने के लिए कहा। एसईसीएल में गेवरा खदान विस्तार के लिए ग्राम अमगांव की जमीन का अधिग्रहण किया है। खदान का विस्तार गांव की बस्ती से 500 मीटर के दायरे में पहुंच गया है। इससे ग्रामीण नाराज हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खदान में होने वाली हर ब्लास्टिंग से उनके गांव की जमीन कांप उठती है। मकानों में दरारें पड़ गई है और ब्लास्टिंग से उड़कर पत्थर उनके घरों में गिरते हैं। ग्रामीणों ने ब्लास्टिंग की क्षमता को कम करने की मांग को लेकर गुरुवार सुबह 8 बजे खदान के भीतर ब्लास्टिंग स्थल पर पहुंच गए था। ब्लास्टिंग कार्यों को रोक दिया था। कंपनी गुरुवार को दिन भर ब्लास्टिंग नहीं कर सकी। शुक्रवार को भी ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर ब्लास्टिंग स्थल पर जमे हुए थे। ग्रामीणों से बातचीत कर समस्या का समाधान निकालने के लिए गेवरा के उप महाप्रबंधक मनोज कुमार मौके पर पहुंचे। उनके साथ हरदीबाजार के तहसीलदार और हरदीबाजार के थानेदार भी मौजूद थे। डिप्टी जीएम ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर घर लौटने के लिए कहा, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी बातों को मानने से इंकार कर दिया। अफसर लौट गए, इसके थोड़ी देर बाद तहसीलदार और हरदीबाजार के थाना प्रभारी दोबारा बातचीत के लिए पहुंचे। दोनों अफसरों ने कई घंटे तक ग्रामीणों का समझाया और कहा कि उनके गांव से लगी जमीन पर ब्लास्टिंग की क्षमता कम हो सके, इसके लिए प्रबंधन की ओर से बातचीत की जाएगी। ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि वे दीपका प्रबंधन के साथ एक बैठक आयोजित कराए जिसमें अमगांव के ग्रामीणों की समस्या पर चर्चा की जाए। ग्रामीणों की मांग है कि उनके घर से 500 मीटर के दायरे में होने वाले ब्लास्टिंग को बंद किया जाए। बसाहट स्थल बतारी में प्रबंधन की ओर से सारी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाए ताकि रोजगार, बसाहट और मुआवजा के प्रकरणों का हल गंभीरता के साथ निकाला जाए। ग्रामीणों ने प्रबंधन से प्रशासन के जरिए अन्य मांगों को भी रखा है, इस पर आगामी दिनों में चर्चा होने की संभावना है।