जय के सामने भाजपा के बदलते रहे हैं चेहरे, लगातार तीन विधानसभा चुनाव से अजेय हैं जयसिंह अग्रवाल
कोरबा। कोरबा सीट पर कांग्रेस अब तक तीन बार अजेय रही है। खास बात यह रही है कि भाजपा ने तीनों चुनाव में अलग-अलग प्रत्याशियों को मौका दिया है। तीनों ही प्रत्याशी जय सिंह को हराने में नाकाम रहे। बनवारी लाल अग्रवाल के साथ जरूर मुकाबला कांटे का रहा था। उसके बाद जयसिंह अग्रवाल की जीत का अंतर बढ़ा है। इस बार भी भाजपा ने चौथी बार एक नए चेहरे लखन लाल देवांगन को जयसिंह के सामने उतारा है।
परिसीमन के पहले कटघोरा विधानसभा में कोरबा भी समाहित था। वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया गया। इसके बाद वर्ष 2003 में पहला चुनाव हुआ, पर परिसीमन नहीं होने की वजह से कोरबा क्षेत्र कटघोरा विधानसभा के अंतर्गत ही समाहित रहा। राज्य बनने के बाद दूसरा चुनाव होने के पहले वर्ष 2008 में परिसीमन हुआ और नगर निगम के वार्ड अंतर्गत कोरबा विधानसभा सीट कागठन किया गया। कांग्रेस ने यहां से जयसिंह अग्रवाल को मैदान में उतारा, तो भाजपा ने बनवारी लाल अग्रवाल पर दांव खेला, पर जयसिंह की विजय हुई। यही स्थिति वर्ष 2013 के चुनाव में बनी और कांग्रेस ने दोबारा जयसिंह को टिकट प्रदान की। इस बार यहां भाजपा ने महापौर रहे जोगेश लांबा को मैदान में उतारा, पर भाजपा पुन: पराजित हो गई। तीसरी बार वर्ष 2018 में कांग्रेस ने दो बार के विधायक रहे जयसिंह अग्रवाल पर विश्वास जताते हुए मैदान में उतारा, तो भाजपा ने पिछड़ा वर्ग का कार्ड खेलते हुए विकास महतो के रूप में नया चेहरा खड़ा किया। अग्रवाल ने पार्टी के विश्वास को कायम तीसरी बार जीत हासिल की। इस तरह भाजपा ने तीनों बार नया चेहरा सामने लाया, पर तीनों बार जयसिंह अग्रवाल को परास्त नहीं कर सके। दरअसल जयसिंह अग्रवाल की चुनावी रणनीति के सामने सभी फेल हो गए। स्थिति यह रही कि पार्टी के लोग अपने प्रत्याशी को जिताने जमीनी स्तर पर कार्य नहीं कर सके। अब भाजपा ने एक बार फिर नए चेहरे के रूप में नगर निगम के पूर्व महापौर व पूर्व संसदीय सचिव लखनलाल देवांगन को टिकट दिया है। अब देखना यह है कि लखन, कांग्रेस के इस किला को भेद पाते हैं अथवा नहीं।
वर्ष- कांग्रेस- भाजपा
2008- जयसिंह अग्रवाल- बनवारी लाल अग्रवाल
2013- जयसिंह अग्रवाल- जोगेश लांबा
2018-जयसिंह अग्रवाल- विकास महतो
2023-जयसिंह अग्रवाल- लखनलाल देवांगन