जैसा कर्म करेंगे, वैसा ही पाप और पुण्य मिलेगा – पं. विजय शंकर मेहता, मातनहेलिया परिवार द्वारा निकाली गई भव्य शोभायात्रा
कोरबा। मातनहेलिया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के प्रथम दिन पंडित विजय शंकर मेहता ने कहा कि भगवत गीता वह ग्रंथ है, जिसमें जीवन का गुर छिपा हुआ है। भगवत कथा सुनने से न पाप धुलता है और न ही पुण्य मिलता है, हमारा आज सुधरता है। पाप-पुण्य तो कर्म पर अधारित होते हैं। हम जैसा कर्म करेंगे, वैसा ही पाप और पुण्य मिलेगा। उन्होंने प्रथम दिन भागवत गीता का जीवन में महत्व प्रहसन पर जीवन प्रबंधन के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि भगवत कथा सुनने से पहले प्रत्येक श्रोता को इन 5 बातों को करना आवश्यक है। भरोसा से कथा सुनें, कथा सुनने की ललक हो, शिकायत चित्त को विराम दीजिए, मौन रहें एवं संकल्प लें। भागवत कथा सुनने से जीवन में बदलाव दिखना चाहिए, यही कथा की सार्थकता है। पितृमोक्षार्थ गया श्राद्ध निमित्त मातनहेलिया परिवार द्वारा आज से जश्न रिसोर्ट में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ प्रारंभ हो गया। इसके पूर्व मिशन रोड स्थित श्याम मंदिर से जश्न रिसोर्ट तक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। व्यास पीठ पर लब्ध प्रतिष्ठित कथा वाचक एवं जीवन प्रबंधन गुरू पं. विजय शंकर मेहता के सानिध्य में खाटू के श्याम बाबा मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद ढोल ताशे के साथ भव्य शोभा यात्रा प्रारंभ हुई। पं. श्री मेहता का स्वागत एवं पुष्पवर्षा के साथ आयोजक परिवार द्वारा उन्हें रथ पर विराजमान कराया गया और शोभायात्रा श्याम मंदिर से दर्री रोड होते हुए जश्न रिसोर्ट तक पहुंची। व्यास पीठ पर श्रीमद् भागवत गीता की पूजा अर्चना के बाद स्थापित की गई। बड़ी संख्या में महिलाएं कलश यात्रा में शामिल हुई, जबकि मातनहेलिया परिवार के मुखिया राजबीर प्रसाद अग्रवाल ने सपत्नीक ब्यास पीठ, ग्रंथ को सिर पर रखकर कथा स्थल जश्न रिसोर्ट तक पहुंचाया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मातनहेलिया परिवार के साथ कई समाज के लोग शोभायात्रा में शामिल हुए।