Tuesday, February 4, 2025

ज्ञान की देवी मां सरस्वती की हुई विशेष आराधना, प्रेस क्लब सहित विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में हुई पूजा

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ज्ञान की देवी मां सरस्वती की हुई विशेष आराधना, प्रेस क्लब सहित विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में हुई पूजा

 

कोरबा। वसंत पंचमी पर सर्वार्थ सिद्ध, शिव, सिद्धि और अमृत योग का दुर्लभ संयोग रहा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार योग पर ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विशेष आराधना श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत लाभकारी होगा। पूजा-अर्चना को लेकर श्रद्धलुओं में खासा उत्साह रहा, लेकिन इस बार बसंत पंचमी दो तिथियों में होने से श्रद्धालु असमंजस में रहे। हालांकि बसंत पंचमी दोनों ही दिन श्रद्धालुओं के लिए लाभकारी माना जा रहा है। सोमवार को प्रेस क्लब सहित विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई। बसंत पंचमी रविवार से प्रारंभ हो गई है, लेकिन शैक्षणिक संस्थानों में रविवार को अवकाश था। इस कारण लगभग सभी शासकीय व निजी महाविद्यालयों में सोमवार को विशेष पूजा-अर्चना कर आराधना की गई। इसके लिए विद्यार्थियों ने तैयारी शुरू की थी। इसके अलावा लेखन, कला और संगीत से जुड़े लोगों में भी उत्साह रहा। लोगों ने पूजा स्थल की साफ-सफाई के साथ ही तोरण और फूल-मालाओं से पूजा स्थल को सजाया था। माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी पर वीणादायिनी मां सरस्वती का प्रकाट? हुआ था। बसंत पंचमी दो तिथियों में होने की वजह से कई श्रद्धालुओं ने रविवार की पूजा-अर्चना की। ज्यादातर श्रद्धालुओं ने सोमवार को विशेष आराधना की। इसके लिए श्रद्धालुओं ने तैयारी लगभग पूरी कर ली थी। इसके अलावा विद्यालय, महाविद्यालय के साथ शिक्षा और संगीत कला से जुड़े संस्थानों में साज-सज्जा की गई थी। कई स्थानों पर रविवार को मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की गई, तो वहीं कई स्थानों पर प्रतिमा की स्थापना सोमवार को की गई। ज्योतिषाचार्य के अनुसार बसंत पंचमी का प्रारंभ रविवार की सुबह लगभग नौ बजे से प्रारंभ हो गया है। पंचमी तिथि का समान सोमवार की सुबह लगभग 11 बजे तक बना रहा। पर्व एवं त्योहार उदयातिथि के अनुसार मनाया जाता है। इस कारण सोमवार को बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की गई। गौरतलब है कि सीबीएसई और सीजी बोर्ड के कक्षा 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा नजदीक है। इसे लेकर विद्यार्थियों में सरस्वती पूजा को लेकर खासा उत्साह रहा।
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विद्यारंभ संस्कार की हुई परंपरा
श्रद्धालुओं में मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन छोटे बच्चों को अक्षर ज्ञान दिया जाता है। इसे विद्यारंभ भी कहते हैं। बच्चों से ओम शब्द लिखवाया जाता है। इससे बच्चों में मां सरस्वती की विशेष कृपा होती है। कई घरों में विद्यारंभ संस्कार की परंपरा का निर्वहन भी किया गया।

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